गंगवार ने ब्रिक्स देशों के मंत्री स्तरीय शिखर सम्मेलन को संबोधित किया, कार्यस्थल पर सुरक्षा तंत्र तैयार करने का आह्वान किया

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गंगवार ने ब्रिक्स देशों के मंत्री स्तरीय शिखर सम्मेलन को संबोधित किया, कार्यस्थल पर सुरक्षा तंत्र तैयार करने का आह्वान किया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। श्रम और रोजगार मंत्रालय श्री गंगवार ने ब्रिक्स देशों के मंत्रीस्तरीय शिखर सम्मेलन को संबोधित किया;कार्यस्थल पर सुरक्षा तंत्र तैयार करने का आह्वान किया श्री गंगवार ने डिजिटल अर्थव्यवस्था में श्रमशक्ति के भविष्य के मुद्दों एवं चुनौतियों के व्यावहारिक और स्थायी समाधान खोजने के लिए ब्रिक्स देशों को मिलकर काम करने को कहा श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संतोष गंगवार ने विशेष रूप से ब्रिक्स देशों से श्रमिकों तथा नियोक्ता के बीच संतुलन स्थापित करने की दिशा में उपयुक्त वैश्विक कार्रवाई करने का आह्वान किया है ताकि विकास और अधिक रोजगार एवं व्यापक श्रम कल्याण को संभव बनाया जा सके। श्री गंगवार ने शुक्रवार 10 अक्टूबर, 2020 को ब्रिक्स देशों की मंत्रीस्तरीय सम्मेलन की आभासी बैठक में बोलते हुए कहा कि श्रमिकों की भलाई के लिए सुरक्षा, स्वास्थ्य, कल्याण और बेहतर कामकाजी परिस्थितियां जरुरी हैं। उन्होंने कहा कि देश में एक स्वस्थ श्रमशक्ति अधिक उत्पादक होगी और आर्थिक विकास में योगदान देगी। ब्रिक्स देशों के श्रम और रोजगार मंत्रियों की यह आभासी बैठक ब्रिक्स देशों में एक सुरक्षित कार्य संस्कृति बनाने के दृष्टिकोण सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए रूसकी अध्यक्षता में आयोजित की गई थी। इस बैठक में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के महानिदेशक श्री गाय राइडर, श्रमिकों और नियोक्ता संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। केन्द्रीय मंत्री ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि कोविड -19 के प्रभाव को कम करने के लिए पेशेगत सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी उपायों से जुड़े पहलुओं का भी महत्व बढ़ा है। श्री गंगवार ने सम्मेलन को सूचित किया कि कार्यस्थल पर पेशेगत सुरक्षा और स्वास्थ्य का एक गतिशील एवं प्रभावी ढांचा प्रदान करने के लिए भारत की संसद ने हाल ही में पेशेगत सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कामकाज की स्थितियां, 2020 पर एक कानून पारित की है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इसने सभी क्षेत्रों के लिए कानूनी प्रावधानों का विस्तार किया है। उन्होंने आगे कहा, "इन महत्वपूर्ण पहलों में कर्मचारियों के लिए अनिवार्य वार्षिक स्वास्थ्य जांच; एक त्रिपक्षीय बोर्ड द्वारा बदलती प्रौद्योगिकी के अनुरूप गतिशील स्वास्थ्य मानकों का निर्धारण; महिलाओं को उनकी सहमति से और कड़े सुरक्षा उपायों के साथ रात की पाली में भी सभी प्रतिष्ठानों में काम करने की अनुमति प्रदान करना; कानून के तहत पीड़ित को मुआवजे के अलावा नियोक्ता पर लगाए गए न्यूनतम 50 प्रतिशत जुर्माने के भुगतान और सुरक्षा प्रावधानों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए तीसरे पक्ष द्वारा ऑडिट की अनुमति प्रदान करना शामिल है।” उन्होंने कहा कि इस कानून में प्रतिष्ठान, कार्यस्थल पर जोखिम और पेशेगत रोगों से जुड़े एक केंद्रीकृत डेटा बेस तैयार करने का प्रावधान किया गया है। भारत के नए कानूनों में श्रमिकों एवं नियोक्ताओं की सुरक्षा समितियों समेत सुरक्षा के विभिन्न प्रावधानों के बारे में विस्तार से बताते हुए, श्री गंगवार ने ब्रिक्स देशों से विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर इन तंत्रों को तैयार करने का आह्वान किया। इस बात पर बल दिया जाना चाहिए कि कामकाज का सुरक्षित वातावरण और स्वस्थ श्रमशक्ति काएक महत्वपूर्ण घटक सार्वभौम सामाजिक सुरक्षा कवरेज की उपलब्धता है, जो आकस्मिकताओं के समय में वित्तीय सहायता प्रदान करे। इस संदर्भ में,हाल ही में लागू सामाजिक सुरक्षा से जुड़े हमारे श्रम कानून ने देश के संपूर्ण 500 मिलियन श्रमशक्ति को सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा की एक रूपरेखा प्रदान की है। असंगठित श्रमिकों, प्रवासी श्रमिकों, स्वरोजगार करने वालों और गिग एवं प्लेटफॉर्म श्रमिक के तौर पर रोजगार के नए रूपों से जुड़े लोगों को सामाजिक सुरक्षा कवरेज प्रदान करने के लिए योजनाओं की रूपरेखा बनाने की विशेष पहल की गई है। सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन के माध्यम से गरीबी कम करने के बारे में एक अन्य सत्र को संबोधित करते हुए श्री गंगवार ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार गरीबी को मिटाने और बदलती दुनिया में समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

Created On :   12 Oct 2020 9:36 AM GMT

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