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मुंबई और नागपुर की नदियां सर्वाधिक प्रदूषित, रिपोर्ट में खुलासा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य में नागपुर और मुंबई की नदियां सबसे ज्यादा प्रदूषित हैं। हाल ही जारी महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल की वाटर क्वालिटी स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार राज्य में तापी नदी सबसे अधिक प्रदूषित है। नागपुर जिले में नदियों की स्थिति सबसे अधिक खराब है। विदर्भ स्तर पर भंडारा में वैनगंगा, वर्धा की वर्धा नदी और यवतमाल की पैनगंगा नदी भी अत्यधिक प्रदूषित नदियों में शामिल है। हालांकि रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 की तुलना में पानी में प्रदूषण में कमी आई है।
तापी सबसे प्रदूषित
बीओडी के आधार पर महाराष्ट्र के खानदेश में प्रवाहित होने वाली तापी नदी सबसे अधिक प्रदूषित है। उसके बाद क्रमश: विदर्भ में प्रवाहित होने वाली वर्धा, वैनगंगा नदियों का स्थान है। नागपुर िजले में सबसे ज्यादा नदियां और अन्य जलस्रोत प्रदूषित पाए गए हैं। उसके बाद अहमदनगर, जलगांव, पुणे, अकोला, ठाणे और पालघर हैं।
176 नदियों के पानी की जांच
प्रदूषण बोर्ड ने 176 नदियों समेत, समुद्र, नहरों, कुओं व अन्य जलस्रोतों से कुल 228 केंद्रों और 66 भूजल जांच केंद्रों की मदद से पानी के नमूनों को जांच करता है। सभी जांच केंद्रों की रिपोर्ट के आधार पर स्टेट्स जारी की गई है।
बोर्ड के अनुसार वाॅटर क्वालिटी इंडेक्स
बोर्ड के जल की गुणवत्ता मापने के लिए केवल बॉयोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी )के आधार का उपयोग किया है। हालांकि पानी की गुणवत्ता तय करने के लिए बीओडी समेत 43 पैरामीटर हैं। इनमें पीएच, डीओ, ईकोली आदि शामिल है।
नियमों को ठीक से लागू करना जरूरी
देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित नदियां महाराष्ट्र में हैं। इस वर्ष उनकी संख्या 45 है, जो पिछले वर्ष 53 थीं। इस संख्या में कमी का कारण कुछ नदियों को ड्राई की श्रेणी में रखा जाना भी है। राज्य में जल संरक्षण के लिए बेहतरीन नियम व व्यवस्था मौजूद है, लेकिन समस्या उनको ठीक से लागू करने की है। हाईकोर्ट के हर नगरपालिका में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट शुरू करने के आदेश पर अब तक ज्यादा काम नहीं हुआ है।
-डॉ. सुरेश चोपने, अध्यक्ष ग्रीन प्लेनेट व महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य
Created On :   20 Nov 2019 6:03 AM GMT