- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- मुंबई में ट्यूबरक्लॉसिस से हर रोज...
मुंबई में ट्यूबरक्लॉसिस से हर रोज 18 लोगों को संक्रमण

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई में पिछले कुछ सालों में ट्यूबरक्लॉसिस अपनी जड़ें तेजी से फैला रहा है। आंकड़ों के मुताबिक 2012-13 में 36,417 लोग इस बीमारी के शिकार हुए यह संख्या 2016-17 में बढ़कर 50,001 तक पहुंच गई है। NGO ‘प्रजा’ की बुधवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक़ हर रोज इस बीमारी से मुंबई में लगभग 18 लोग संक्रमित होते हैं।
यह जानकारी NGO ‘प्रजा’ ने मुंबई के सरकारी अस्पतालों, डिस्पेंसरीज और क्लीनिक्स द्वारा सूचना के अधिकार के तहत निकाली गई है। जानकारी के आनुसार जहां इस बीमारी से ग्रस्त मरीज़ों की संख्या में इज़ाफा हो रहा है, वहीं रिवाइस्ड नेशनल ट्यूबरक्लॉसिस कंट्रोल प्रोग्राम (RNTCP) के अंदर मुफ्त इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या घट रही है।
इसी के साथ NGO ‘प्रजा’ ने यह भी बताया कि डायरेक्ट्ली ऑब्सर्व्ड शॉर्ट कॉर्स ट्रीटमेंट (DOTS) के अंतर्गत 2012 में 30,828 का इलाज किया गया था। साल 2016 में ये दर गिरकर 15,767 रह गई। सरकारी कार्यक्रम के तहत मरीजों की ड्रॉपऑउट दर 2012-16 के बीच 10 प्रतिशत बढ़ी है। RNTCP मुंबई की अध्यक्ष डॉ. दक्षा शाह ने NGO द्वारा बताए गए आंकड़ों को गलत ठहराते हुए कहा कि ‘हमारी ड्रॉपऑउट दर 12 प्रतिशत है और इसे काबू में करने के प्रयास जारी हैं। इसमें 30 प्रतिशत ड्रॉपऑउट दूसरे शहरों से आए मरीजों की वजह से है।‘
वहीं NGO ‘प्रजा’ के मुताबिक 2016-17 में टीबी से मरने वाले लोगों की संख्या 6,472 है, जो 2015-16 में 5,400 थी। इन आंकड़ों की तुलना करने पर मुबई में RNTCP के डाटा के अनुसार मरने वाले मरीजों की संख्या 2016 में 1,240 थी, जो 2015 में 1,459 थी।
NGO ने यह भी बताया कि 2016-17 में टीबी कंट्रोल प्रोग्राम का आर्थिक बजट 1,951 लाख था, जिसका 76 प्रतिशत ही इस्तेमाल किया गया, वहीं कुछ सालों से मुंबई में डेंगू के केस भी तेजी बढ़ते हुए सामने आ रहे हैं। हंसा रिसर्च द्वारा बताया गया कि 20,000 परिवारों के एक सर्वेक्षण में से 17,771 घरों में डेंगू के आधिकारिक मामले दर्ज किए गए थे, जो यह दर्शाता था कि मुंबई शहर में लगभग 1.09 लाख डेंगू के मरीज हैं। इस मामले में डॉ. प्रदीप अवाते का कहना है कि आंकड़ों में इस तरह की तेजी वायरल चक्र की वजह से होती है, जो प्रत्येक कुछ सालों में सामने आती रहती हैं। उन्होंने यह भी कह कि मुंबई एक तटीय इलाका है इसलिए बारिश के मौसम में डेंगू मामले ज्यादा सामने आते हैं।
Created On :   13 July 2017 11:11 AM IST