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सिंह और वाझे की हुई मुलाकात की छानबीन में जुटी मुंबई पुलिस
डिजिटल डेस्क, मुंबई। चांदीवाल कमेटी के सामने पेशी के बाद बंद केबिन में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे के बीच एक घंटे बातचीत हुई। इसे लेकर सवालों के घेरे में फंसी मुंबई पुलिस ने अब पूरे मामले की छानबीन शुरू कर दी है। वाझे फिलहाल न्यायिक हिरासत में है और आर्थर रोड जेल में बंद है। उसे लेकर जेल कर्मियों की टीम चांदीवाल कमेटी के दफ्तर पहुंची थी। पुलिस उसे लाने वाले जेलकर्मियों की भी जांच करेगी और यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि दोनों को किसकी इजाजत से केबिन में एक घंटे तक बातचीत का मौका दिया गया। चांदीवाल कमेटी राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के जिन आरोपों की जांच कर रही है परमबीर सिंह उनके शिकायतकर्ता हैं जबकि सचिन वाझे मामले की अहम कड़ी है। सिंह ने दावा किया है कि देशमुख ने वाझे को मुंबई के रेस्टारेंट और बारों से हर महीने 100 करोड़ रुपए वसूलने को कहा था। इस मामले में चांदीवाल कमेटी वाझे से कई दौर की पूछताछ कर चुकी है। उसे सोमवार को भी जिरह के लिए बुलाया गया था। सिंह को भी कमेटी ने समन भेजकर बुलाया था। इसी दौरान दोनों की मुलाकात हुई।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
परमबीर सिंह और सचिन वाझे की मुलाकात पर कांग्रेस पार्टी ने आपत्ति जताई है। प्रदेश कांग्रेस समिति के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि चांदीवाल कमेटी की जांच के दौरान हुई दोनों की मुलाकात बेहद गंभीर मामला है। इस तरह की मुलाकात से जांच में रुकावट आ सकती है। दो आरोपी इस तरह कैसे मिल सकते हैं। इस मुलाकात के पीछे कौन है इसकी जांच की जानी चाहिए।
सीआईडी के सामने पेश हुए सिंह
परमबीर सिंह सोमवार को जबरन वसूली के आरोपों की जांच कर रही क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) के सामने पेश हुए। सीआईडी ने सिंह को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था। वे सोमवार दोपहर साढे तीन बजे नई मुंबई के बेलापुर इलाके में स्थित सीआईडी के ऑफिस बयान दर्ज कराने पहुंचे। बता दें कि मुंबई के मरीन ड्राइव और ठाणे के कोपरी पुलिस स्टेशन में दर्ज जबरन वसूली के मामलों की जांच सरकार ने सीआईडी को सौंपी है। मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले में सीआईडी ने आशा कोरके और नंदकुमार गोपाले नाम के दो पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया था।
गिर सकती है निलंबन की गाज
परमबीर सिंह को राज्य सरकार निलंबित कर सकती है। दरअसल सिंह के खिलाफ सिविल सर्विस रूल के उल्लंघन की जांच कर रहे अतिरिक्त मुख्य सचिव (प्लानिंग) देबाशीष चक्रबर्ती की रिपोर्ट सोमवार को सरकार ने स्वीकार कर ली है। इससे पहले अक्टूबर महीने में चक्रवर्ती ने सिंह के खिलाफ विभागीय जांच की सिफारिश करते हुए एक रिपोर्ट सौंपी थी। सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार एक सप्ताह के भीतर सिंह के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक चक्रवर्ती ने अपनी जांच में पाया है कि मुंबई पुलिस आयुक्त रहते सिंह ने अपने काम में गंभीर गलतियां की। राज्य के गृहमंत्री दिलीप वलसे-पाटील ने भी शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि सिंह के खिलाफ नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
Created On :   29 Nov 2021 8:58 PM IST