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महाराष्ट्र में मुस्लिम आरक्षण संभव नहीं, सरकार ने दी जानकारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में मुस्लिम समाज को आरक्षण देना संभव नहीं है। विधान परिषद में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में राज्य सरकार ने यह स्पष्ट किया है। मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान राकांपा सदस्य बाबाजानी दुर्रानीने मुस्लिम समाज को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण देने के संबंध में सवाल पूछा था। लेकिन दुर्रानी ने कहा कि सदन में मेरे सवाल का जवाब देने के लिए प्रदेश के अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री मौजूद नहीं हैं। इसलिए मेरे मुस्लिम आरक्षण के सवाल को आरक्षित रख लिया जाए। जिसके बाद सभापति रामराजे नाईक-निंबालकर ने दुर्रानी की मांग को स्वीकार करते हुए मुस्लिम आरक्षण के सवाल को आरक्षित रखने के निर्देश दिए। इससे दुर्रानी सदन में मुस्लिम आरक्षण पर बाद में सवाल पूछ सकेंगे।
दूसरी ओर प्रदेश के अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक द्वारा मुस्लिम आरक्षण के सवाल के लिखित जवाब में कहा गया है कि आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक होने के चलते मुस्लिम समाज को आरक्षण देना संभव नहीं है। फिर भी आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक करने के लिए शिथिलता मिलने पर मुस्लिम आरक्षण के लिए उचित कार्यवाही की जाएगी। ज्ञात हो कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी के बाद मलिक फिलहाल जेल में बंद हैं। लेकिन सदन में पूछे गए सवाल का मलिक ने लिखित जवाब दिया है।उल्लेखनीय है कि इसके पहले4 मार्च 2021 को विधान परिषद में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में मंत्री मलिक ने कहा था कि मराठा समाज को नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं में दाखिले के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण लागू करने का फैसला राज्य सरकार के विचाराधीन है। लेकिन अब सरकार ने स्पष्ट किया है कि मुस्लिम समाज को आरक्षण देना संभव नहीं है।
Created On :   15 March 2022 7:32 PM IST