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दक्ष कर्मचारियों के अभाव में नागपुर - औरंगाबाद -मुंबई मैट में नहीं हो सकती ऑनलाईन सुनवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र न्यायाधिकरण(मैट) के रजिस्ट्रार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि पुराने कंप्यूटर व तकनीकी स्टाफ के आभाव में नागपुर, औरंगाबाद और मुंबई स्थित मैट की पीठ में आनलाइन कार्य कर पाना संभव नहीं है। मैट के रजिस्ट्रार सुरेश जोशी ने इस बारे में हाईकोर्ट में एक रिपोर्ट पेश की है। यह रिपोर्ट हाईकोर्ट की ओर से 28 अक्टूबर 2020 के दिए गए निर्देश के तहत पेश की गई है। दरअसल कोरोना के प्रकोप के चलते मैट की सुनवाई ऑनलाइन किए जाने व ई फाइलिंग की व्यवस्था बनाने की मांग को लेकर पेशे से वकील योगेश मोरबाले ने अधिवक्ता यशोदीप देशमुख के मार्फत हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि कोरोना के प्रकोप के चलते पुणे, कोल्हापुर व नाशिक में रहनेवाले वकीलों को सुनवाई के लिए मुंबई पहुंचने में दिक्कत होती है। इसलिए मैट में ऑनलाइन सुनवाई की सुविधा प्रदान की जाए और वहां रोजाना ऑनलाइन सुनवाई करने का निर्देश दिया जाए। वर्तमान में मैट में सिर्फ दो दिन प्रत्यक्ष सुनवाई हो रही है। यह सुनवाई जून 2020 से शुरु हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मैट में जो कम्प्यूटर लगे हैं वे साल 2007 व 2014 में खरीदे गए हैं। यह काफी पुराने हैं। इसके अलावा मैट में टेक्नीकल स्टाफ की कमी है। रिपोर्ट के मुताबिक दो टेक्निकल स्टाफ की जरुरत मैट की मुंबई पीठ में है। जबकि एक-एक टेक्नीकल स्टाफ की अवश्यकता नागपुर व औरंगाबाद के लिए होगी। रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार के सर्वर में मैट की वेबसाइट के लिए जो जगह दी गई है। वह पर्याप्त नहीं है। कभी कुछ डेटा वेबसाइट में अपलोड करना हो तो इसके लिए सूचना तकनीकी विभाग के निदेशक से संपर्क करना पड़ता है। वेबसाइट में सिर्फ सामान्य फीचर है। कोरोना संकट के बीच मैट ने 599 मामलों का निपटारा किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक मैट में एक चेयरमैन,तीन वाइस चेयरमैन, व पांच सदस्य है। नागपुर,औरंगाबाद व मुंबई में सदस्य के एक एक पद रिक्त हैं। दो वाइस चेयरमैन में से एक चेयरमैन 17 नवंबर 2020 को सेवानिवृत्त होनेवाले हैं। जबकि एक वाइसचेयरमैन 22 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त होनेवाले हैं। इस लिहाज से 17 नवंबर 2020 से मैट की पीठ औरंगाबाद में उपलब्ध नहीं रहेगी।इसलिए अब वहां के लोगों को भी तत्काल सुनवाई के लिए नागपुर व मुंबई आना पड़ेगा। मैट में मुख्य रुप से राज्य के सरकारी कमर्चारियों के तबादले व सेवा शर्तों से जुड़े मामले सुने जाते है।
Created On :   9 Nov 2020 7:52 PM IST