अवनि के दूसरे नर शावक टी 1 सी 1 को भी लगा रेडियो कॉलर

Nagpur : Avnis second male cubs T1C1 also got the radio caller
अवनि के दूसरे नर शावक टी 1 सी 1 को भी लगा रेडियो कॉलर
अवनि के दूसरे नर शावक टी 1 सी 1 को भी लगा रेडियो कॉलर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ के बाघ शावकों का रेडियो कॉलर लगाए जाने संबंधी शासनादेश जारी होने के बाद अवनि के दूसरे नर शावक टी 1 सी 1को भी रेडियो कॉलर लगा दिया गया। उल्लेखनीय है कि इससे पहले सोमवार सुबह टी 1 अवनि के शावक टी 1 सी 3 के को सफलतापूर्वक रेडियो कॉलर लगाकर उसके  प्राकृतिक आवास क्षेत्र में छोड़ दिया गया था।

छोड़ा गया जंगल में
शावक को टिपेश्वर अभयारण्य के कक्ष क्रमांक 109 भारतीय वन्यजीव संस्था देहरादून के पशु चिकित्सक डॉ. पराग निगम, पेंच प्रकल्प के पशु चिकित्सक डॉ. चेतन पातोड और बिलाल हबीब ने कॉलर लगाया। इसके साथ ही उसके शरीर पर तार के कारण बने घाव का भी इलाज किया गया। उपचार के बाद उसे प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया गया। कार्रवाई में प्रमोद पंचभाई, विभागीय वन अधिकारी पांढरकवड़ा संदीप चव्हाण, सहायक वन संरक्षक अमर सिडाम व अन्य कर्मचारियों ने सहयोग किया। यह जानकारी पांढरकवड़ा वन विभाग के विभागीय वनअधिकारी प्रमोद पंचभाई ने दी है।

नहीं हो सकेंगे शिकार
उल्लेखनीय है कि पूर्वी विदर्भ लैडस्केप (ईवीएल) के 11 सब एडल्ट बाघ शावकों की सीमा पहचाने और उन्हें रेडियो कॉलर पहनाने संबंधी शासनादेश जारी किया गया है। इसके तहत पांढरकवड़ा वनविभाग के अंतगर्त स्थित टिपेश्वर अभयारण्य के दो शावक भी शामिल हैं। यह शासनादेश भारतीय वन्यजीव संस्था, देहरादून के विशेषज्ञ बिलाल हबीब के स्टडिंग द डिस्परेल ऑफ टाइगर अक्रॉस द इस्टर्न विदर्भ लैंडस्केप(ईवीएल), महाराष्ट्र के आधार पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 12  की गई है।

गत दो वर्षों से महाराष्ट्र से बाघों के शिकार की घटनाएं बढ़ी है साथ ही बाघों के गायब होने से वन विभाग की कई बार नींद उड़ी है। भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसलिए वन विभाग ने बाघों को शावकों पर नजर रखने रेडियो कॉलर लगाने का निर्णय लिया है। इससे बाघों का शिकार जैसी घटनाओं पर अंकुश लगने की उम्मीद की जा रही है।

Created On :   28 Feb 2019 8:02 AM GMT

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