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आशा वर्कर्स के साथ किया विश्वासघात, नागपुर मनपा ने दिया था प्रतिदिन 200 रुपए देने का आश्वासन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोनाकाल में जान की परवाह किए बिना सेवा दे रही आशा वर्कर्स को 3 महीने 1000 रुपए प्रोत्साहन भत्ता देने की मनपा की घोषणा को सीआईटीयू ने निराशाजनक निर्णय कहा है। कोरोना सर्वेक्षण में जुटी आशा वर्कर्स को प्रतिदिन 300 रुपए देने की सीआईटीयू की मांग पर 28 मार्च को हुई बैठक में मनपा प्रशासन ने 200 रुपए देने का आश्वस्त किया था, लेकिन अभी तक फूटी कौड़ी नहीं दी गई। कोरोना का प्रादुर्भाव कम होने पर प्रोत्साहन भत्ता देने की घोषणा कर आशा वर्कर्स के साथ विश्वासघात किए जाने का आशा व गट प्रवर्तक संगठन के जिलाध्यक्ष राजेंद्र साठे ने आराेप लगाया।
300 रुपए प्रतिदिन की मांग थी
आशा वर्कर्स 22 मार्च से शहर में कोरोना सर्वेक्षण कर रही हैं। जान जोखिम में डालकर काम कर रही आशा वर्कर्स को प्रतिदिन 300 रुपए देने की मांग सीआईटीयू ने उठाई थी। मनपा प्रशासन ने संगठन के पदाधिकारियों की बैठक बुलाकर इस विषय पर चर्चा की। संगठन की मांग पर प्रतिदिन 200 रुपए देने का आश्वस्त किया गया। मेहनत का फल मिलने की आस में आशा वर्कर काम में जुटी रहीं। 9 अक्टूबर को मनपा की स्थायी समिति ने 3 महीने 1000 रुपए प्रोत्साहन भत्ता देने का निर्णय लिया है। कोरोना संक्रमण का प्रभाव कम हो रहा है। सर्वेक्षण की जरूरत नहीं पड़ेगी, इसलिए सोच-समझकर आंखों में धूल झोंकने का काम किए जाने की साठे ने मनपा पर टिप्पणी की। 1 अप्रैल से प्रतिदिन 200 रुपए देने उन्होंने मांग की है। मांग पूरी नहीं होने पर तीव्र आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी।
Created On :   11 Oct 2020 5:12 PM IST