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स्वच्छता लीग रैंकिंग में नागपुर की स्थिति बेहतर, जानिए मनपा के पांच शिक्षक क्यों हुए निलंबित
डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 लीग रैंकिंग में नागपुर की स्थिति में सुधार आया है। लीग रैंकिंग की पहली तिमाही में 30वें और दूसरी तिमाही में 15वें नंबर पर नागपुर रहा है। मंगलवार को पहली-दूसरी तिमाही की रैंकिंग घोषित की गई। पिछले साल नागपुर स्वच्छता रैंकिंग में 58वें क्रम पर था। इस साल लीग रैंकिंग में कुछ अच्छे संकेत मिले हैं, जिससे नागपुर की स्थिति को संतोषजनक माना जा रहा है। 31 दिसंबर को तीसरी तिमाही खत्म हुई है। फिलहाल इसके नतीजें घोषित नहीं किए गए हैं। बताया गया कि, जनवरी के बाद नागपुर में केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम आएगी। टीम के सर्वेक्षण के बाद अंतिम (फाइनल) नतीजें घोषित किए जाएंगे। फाइनल रैंकिंग में घोषित नतीजें नागपुर की स्वच्छता रैंकिंग के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे, इससे नागपुर की तस्वीर साफ होगी।
जानकारों ने बताया कि, केंद्र सरकार ने पिछले साल से स्वच्छता सर्वेक्षण के साथ अब स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 लीग रैंकिंग शुरू की है। स्वच्छता सर्वेक्षण की फाइनल रैंकिंग के पहले के यह तीन टेस्ट हैं। इसे तीन चरणों में किया जाता है। अप्रैल से जून, जुलाई से सितंबर और अक्टूबर से दिसंबर। मंगलवार 31 दिसंबर को पहली और दूसरी तिमाही के नतीजें जारी किए गए। अप्रैल से जून की पहली तिमाही में नागपुर की रैंकिंग में कुछ सुधार हुआ और 30वें नंबर पर रहा। पहले नंबर पर हर बार की तरह इंदौर शहर रहा। दूसरे पर भोपाल, तीसरे पर सूरत, चौथे पर नाशिक, पांचवें पर राजकोट शहर रहा। जुलाई से सितंबर तक दूसरी तिमाही में नागपुर की रैंकिग में और सुधार हुआ। दूसरी तिमाही में नागपुर 15वें नंबर पर आया। इंदौर शहर फिर पहले, राजकोट दूसरे, ठाणे तीसरे, वडोदरा चौथे और भोपाल पांचवें नंबर पर आया। अक्टूबर से दिसंबर यानी तिसरी तिमाही मंगलवार, 31 दिसंबर को समाप्त हुई। इसकी रैंकिंग जारी नहीं की गई है। बताया गया कि, शहरों की स्वच्छता रैंकिंग में सुधार के संकेत हैं। फाइनल रैकिंग नहीं है। जनवरी के बाद नागपुर में स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम पहुंचेगी। उसके बाद शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण होगा, जिसके बाद फाइनल रैंकिंग जारी की जाएगी।
तिसरी तिमाही के समय नागपुर के हालात बिगड़े
केंद्र सरकार ने पहले और दूसरे क्वार्टर की रैंकिंग जारी की है। जिसमें नागपुर के लिए अच्छे संकेत मिले हैं, लेकिन तिसरी तिमाही में नागपुर की स्थिति बिगड़ने की आशंका है। वजह भी बड़ी है। नवंबर महीने में कनक रिर्सोसेस कंपनी का ठेका खत्म हुआ। उसकी जगह दो नई कंपनी बीवीजी और एजी एन्वॉयरो कंपनी को कचरा उठाने का ठेका मिला। कनक के काम छोड़ने के बाद दोनों कंपनियां स्थिति संभालने में असफल रहीं। जिस कारण शहर में कचरे की भीषण समस्या खड़ी हुई। जहां-वहां कचरे के ढेर की शिकायतें मिलनी शुरू हुईं। आयुक्त और महापौर ने सड़कों पर उतरकर स्थिति को सामान्य करने की कोशिश की। स्थिति संभालने में नाकाम रही दोनों कंपनियों पर एक-एक लाख का जुर्माना भी ठोंका गया। ऐसे में नवंबर के यह 15-20 दिन नागपुर की स्वच्छता रैंकिंग पर असर करने की आशंका है।
नागपुर के लिए अच्छे संकेत
स्वच्छता ब्रांड एंबेसेडर मनपा कौस्तुभ चटर्जी के मुताबिक पिछले वर्ष नागपुर 58वें नंबर पर रहा, लेकिन इस बार शहर से अच्छी उम्मीदें हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 लीग रैंकिंग की पहली तिमाही, दूसरी तिमाही में नागपुर की स्थिति सुधरी है। शहर वासियों का इसी तरह सहयोग मिलता रहा, तो नागपुर के नतीजें आश्चर्यजनक होंगे।
मनपा के लापरवाह पांच शिक्षक निलंबित
उधर मनपा शालाओं के पांच शिक्षकों पर मनपा प्रशासन ने मंगलवार को कार्रवाई कर उन्हें निलंबित कर दिया है। कुछ दिन पहले उपमहापौर मनिषा कोठे, शिक्षण समिति सभापति प्रा. दिलीप दिवे, उपसभापति प्रमोद तभाने ने गिट्टीखदान शाला व एकात्मता नगर शाला में आकस्मिक निरीक्षण दौरा किया था। इस दौरान संबंधित शिक्षकों की लापरवाही उजागर हुई थी। निरीक्षण दौरे में पाया गया कि अनुपस्थित विद्यार्थियों की हाजरी दिखाई गई। शाला का अभ्यासक्रम पूरा नहीं हुआ। पहले सत्र के नतीजें जारी नहीं करना आदि मामले सामने आए थे। इसपर उपमहापौर ने त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए थे। मनपा प्रशासन ने आदेश पर कार्रवाई करते हुए शिक्षण विभाग के निरीक्षक, मुख्याध्यापक सहिक शिक्षकों को निलंबित किया है। इसमें गिट्टीखदान मराठी प्रा. शाला के सहायक शिक्षिका रेवती कडू, सहायक शिक्षिका ललिता गावंडे, सहायक शिक्षिक शारदा खंडारे, प्रभारी मुख्याध्यापक देवमन जामगडे, जोन के शाला निरीक्षक धनराज दाभेकर शामिल है। इससे पहले संबंधितों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। लेकिन अधिकारी व शिक्षकों ने दिया जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर उनपर कार्रवाई की गई।
स्मार्ट सिटी: प्रभावितों को रहने के लिए 5 हजार रुपए प्रति माह किराया
वहीं स्मार्ट एन्ड सस्टेनेबल सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन के संचालक मंडल की बैठक में स्मार्ट सिटी में प्रभावित लोगों को 5 हजार रुपए किराया प्रति माह देने का निर्णय लिया गया। बैठक में संचालक मंडल ने पुर्न-वसाहत और पुनर्वसन नीति में सुधार करने की मंजूरी दी है। इसमें प्रकल्प बाधितों को किराये से मकान लेने के लिए 5 हजार रुपए देने पर मुहर लगाई गई। इसी तरह वाणिज्य और औद्योगिक क्षेत्र के प्रभावितों को 10 हजार रुपए किराये देने पर सहमति बनी। इसके अलावा प्रकल्प प्रभावितों को उनका मकान 700 वर्गफीट से ज्यादा होने पर प्रति वर्गफीट 7.50 रुपए अतिरिक्त दिया जाएगा। स्मार्ट सिटी की ओर से अब तक 43 प्रकल्प बाधितों को 2.92 करोड़ रुपए मुआवजा दिया गया है।
मंगलवार को आयोजित नागपुर स्मार्ट एन्ड सस्टेनेबल सिटी डेवलपमेटं कार्पोरेशन के संचालक मंडल की बैठक की अध्यक्षता नागपुर स्मार्ट सिटी के मेंटोर व चेयरमेन, बृहन्मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त प्रवीम परदेशी ने की। इस अवसर पर महापौर संदीप जोशी, स्थायी समिति सभापति प्रदीप पोहाणे, सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी, बसपा पक्षनेता वैशाली नारनवरे, नगरसेविका मंगला गवरे, पुलिस आयुक्त डॉ. भूषण कुमार उपाध्याय, आयुक्त अभिजीत बांगर, जिलाधिकारी रवीन्द्र ठाकरे, संचालक अनिरूध्द शेणवार्इ आदि उपस्थित थे। सभा में विधायक कृष्णा खोपडे, उपमहापौर मनिषा कोठे विशेष निमंत्रित के रुप में उपस्थित थे। बैठक में स्मार्ट िसटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. रामनाथ सोनवणे ने महापौर संदीप जोशी, उपमहापौर मनिषा कोठे, सत्तापक्ष नेता संदीप जाधव, बसपा पक्षनेता वैशाली नारनवरे, जिलाधिकारी रवींद्र ठाकरे, दीपक कोचर की संचालक मंडल पर नियुक्ति का स्वागत किया। स्मार्ट सिटी के चेयरमेन प्रवीण परदेशी ने इस दौरान प्रोजेक्ट टेंडर शुअर के क्रियान्वयन के लिए जनप्रतिनिधि और प्रकल्पग्रस्तों का सहकार्य करने और प्रकल्प को गति प्राप्त होने से समाधान व्यक्त किया। उक्त प्रकल्प पारदर्शी होने का दावा करते हुए नागपुर शहर के अन्य अविकसित क्षेत्र में भी इसे कार्यान्वित करने और सड़कों का निर्माणकार्य त्वरित गति से पूरे करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि नागपुर स्मार्ट सिटी की ओर से पारडी, भरतवाडा, पुनापुर और भांडेवाडी क्षेत्र में 10 कि.मी मार्ग का निर्माणकार्य शुरू किया है। स्थानीय क्षेत्र के लोगों को पीने का पानी देने के लिए 4 ओवरहेड टंकी का निर्माणकार्य प्रारंभ किया है। नागनदी पर छोटे और बड़े पुलों का निर्माणकार्य भी शुरू किया गया।
मोरभवन में चार्जिंग स्टेशन को मंजूरी
स्मार्ट सिटी फेलो द्वारा तैयार किए गए सौरऊर्जा पर आधारित इलेक्ट्रिक व्हेहीकल चार्जिंग स्टेशन मोरभवन में निर्माण को मंजूरी प्रदान की गई है। अपारंपरिक ऊर्जा स्त्रोत के माध्यम से इलेक्ट्रिक बस की बैटरी चार्ज की जाएगी। नागपुर महानगरपालिका के इलेक्ट्रिक बस और निजी कार वाहनों की बैटरी चार्ज करने में इससे मदद होगी। प्रकल्प के लिए 4 करोड़ खर्च अपेक्षित है।
सूखा कचरा होगा रिसाइकिल
संचालक मंडल ने जीरो वेस्ट नीति को मंजूरी प्रदान की है। स्मार्ट िसटी फेलो ने यह प्रकल्प तैयार की है। इस नीति के माध्यम से सूखा कचरा रिसाइकिल किया जाएगा। महिला बचत गट के माध्यम से महिलाओं को रोजगार उपलब्ध होगा। धरमपेठ जोन से इसकी शुरूआत की जाएगी। प्रकल्प के लिए संचालक मंडल ने 34.18 लाख रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है।
Created On :   31 Dec 2019 10:15 PM IST