आदिवासी इलाको में कुपोषण से मौत मामले में नंदुरबार के जिलाधिकारी तलब

Nandurbar District Magistrate summoned in case of death due to malnutrition in tribal areas
आदिवासी इलाको में कुपोषण से मौत मामले में नंदुरबार के जिलाधिकारी तलब
हाईकोर्ट आदिवासी इलाको में कुपोषण से मौत मामले में नंदुरबार के जिलाधिकारी तलब

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य के अन्य आदिवासी इलाकों सहित नंदुरबार में कुपोषण व मेडिकल सुविधाओं के अभाव  बच्चों की मौत के खुलासे के बाद नंदुरबार के जिलाधिकारी को 23 सितंबर को तलब किया है। हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान नंदुरबार के जिलाधिकारी को वहां पर हुई बच्चों की मौत को लेकर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा था लेकिन कोर्ट के सामने इस विषय पर कोई रिपोर्ट अदालत में नहीं पेश की जा सकी। इसलिए कोर्ट ने नंदुरबार के जिलाधिकारी को अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट में हाजिर रहने का निर्देश दिया।

इससे पहले कोर्ट को बताया गया कि जनवरी से अब तक आदिवासी इलाकों में कुपोषण व स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में 400 लोगों की मौत हुई है इसमें से 86 बच्चों की मौत नंदुरबार में हुई है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मेलघाट इलाके में आदिवासी इलाके में रह रहे लोगों की दिक्कतों को लेकर सरकार की ओर से उठाए गए कदमों को लेकर असंतोष व्यक्त किया। 

हाईकोर्ट में डाक्टर राजेंद्र बर्मा व अन्य की ओर से मेलघाट में कुपोषण से बच्चों की होनेवाली मौत व स्वास्थाय सुविधाओं के अभाव के मुद्दे को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। सोमवार को यह याचिका मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि मामले को लेकर हमारे सामने आधी-अधूरी जानकारी पेश की गई है। इससे हम संतुष्ट नहीं है। हम सरकार से बेहतर हलफनामे की अपेक्षा रखते है। 

इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता बीएस साने खंडपीठ के सामने कहा कि नंदुरबार में कुपोषण व स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में बच्चों की मौत का आकड़ा लगातार बढ रहा है। यह आकड़ा 400 के ऊपर पहुंच गया है लेकिन अब तक वहां पर पर्याप्त डाक्टर नहीं उपलब्ध कराए गए है। पिछले आदेश के तहत अब तक इस मामले में किसी जवाब की प्रति नहीं मिली है।  इससे पहले खंडपीठ ने आदिवासी इलाकों में डाक्टरों की नियुक्ति न किए जाने को लेकर भी नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने कहा कि जिस तरीके से न्यायिक सेवा में न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर समय पर कदम उठाए जाते है वैसे ही डाक्टरों की नियुक्ति को लेकर वक्त पर पहल की जानी चाहिए।

 


 

Created On :   12 Sept 2022 9:33 PM IST

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