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सरकार का दावा : कोरोना संकट के बीच लड़कियों को उपलब्ध कराया गया नैपकिन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि कोरोना महामारी के बीच भी अस्मिता योजना के तहत राज्य के 34 जिलों के ग्रामीण इलाकों में लड़कियों व महिलाओं को काफी सस्ते में सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराई गई है। लड़कियों व महिलाओं को सहजता से नैपकिन उपलब्ध कराने व माहवारी से जुड़ी जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से अस्मिता योजना की शुरुआत की गई हैं। यह योजना राज्य के ग्रामीण विभाग के अंतर्गत आती हैं। सरकार के ग्रामीण विकास विभाग ने यह जानकारी हलफनामा दायर कर दी है।
हलफनामे के मुताबिक जिला परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों (11 से 19 साल) को पांच रुपए में जबकि महिलाओं को 24 रुपए में एक पैकेट नैपकिन उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए राज्य भर में 29 हजार 875 महिलाओं का स्वयंसेवी मदद समूह काम करता है। जिसकी मदद से मार्च से जून 2020 के करीब एक करोड़ 60 लाख पैड बेचे है। कोरोना के दौरान शुरुआत में बैंक व तकनीक से जुडी दिक्कत के चलते परेशानी हुई थी लेकिन अब यह दिक्कत दूर हो गई है। नैपकिन के उत्पादन व आपूर्ति के टेंडर पर निर्णय लेने के बाद चीजे और आसान हो जाएगीं। सरकार इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रही हैं।
राज्य सरकार की ओर से यह हलफनामा कानून की पढ़ाई कर रही निकिता गोरे की ओर से दायर जनहित याचिका के जवाब में दायर किया गया है। याचिका में मांग की गई है कि कोरोना महामारी के दौरान सैनेटरी नैपकिन को आवश्यक वस्तु की श्रेणी में रखा जाए। इसके साथ ही गरीब तथा जरुरतमंद महिलाओं को सैनेटरी नैपकिन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार को निर्देश दिया जाए।
Created On :   31 July 2020 7:22 PM IST