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ठाकुरताल में लेपर्ड सेंचुरी के लिए सितम्बर में दौरे पर आएँगे नेशनल वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ
डिजिटल डेस्क जबलपुर । नयागाँव से लगे ठाकुरताल की पहाडिय़ों पर लेपर्ड सेंचुरी बनाने के प्रस्ताव में जल्द ही सुखद परिणाम आ सकते हैं। पिछले एक साल से इस मामले को लेकर जिला प्रशासन, वन विभाग और वन्य प्राणी विशेषज्ञों द्वारा भेजे गए प्रस्तावों को केन्द्रीय वन मंत्रालय ने संज्ञान में लेते हुए नेशनल वाइल्ड लाइफ टीम को जबलपुर भेजने का मन बना लिया है। सूत्रों के अनुसार सितम्बर के दूसरे सप्ताह में नेशनल वाइल्ड लाइफ का पाँच सदस्यीय दल ठाकुरताल में दौरे के लिए आ सकता है। यह टीम ठाकुरताल से मदन महल के बीच अतिक्रमण मुक्त हुए वन विभाग के एरिये में कई स्तरों पर जाँच करेगी, जिसमें तेंदुओं को बसाने से जुड़े तमाम पहलुओं की बारीकी से जाँच की जाएगी और सब कुछ ठीक रहा तो जबलपुर के खाते में बड़ी उपलब्धि आ सकती है।
इन पहलुओं पर बनेगी रिपोर्ट
ठाकुरताल में लेपर्ड सेंचुरी बनाने के लिए नेशनल वाइल्ड लाइफ Expert तेंदुओं के प्राकृतिक रहन-सहन से जुड़े पहलुओं की जाँच करेंगे। जिसमें ठाकुरताल के जंगली क्षेत्र की जैव विविधता (मिट्टी, पत्थर), वातावरण (नमी, पानी, हवा, पेड़-पौधे) चारा (खाना) और सुरक्षा से जुड़े सभी बिन्दुओं का बारीकी से परीक्षण होगा। सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट बनने के बाद तीन स्तरों पर अलग-अलग टीमें अतिरिक्त जाँच करेंगी और सब कुछ ठीक रहा तो दो साल के भीतर लेपर्ड सेंचुरी बनने का रास्ता साफ हो जाएगा।
ईडीके से ठाकुरताल के बीच बना कॉरिडोर
आयुध निर्माणी खमरिया से लगे ईडीके के जंगल में काफी संख्या में तेंदुए पाए जाते हैं, यह इलाका मंडला और कान्हा के जंगलों से जुड़ा हुआ है। जिसके कारण सालों से तेंदुओं का मूवमेंट खमरिया से डुमना के बीच लगातार रहा था। लेकिन विगत दो साल में शहर से लगी पहाडिय़ों का अतिक्रमण मुक्त होने के कारण डुमना, ग्वारीघाट के भटौली से लगे जंगलों से ठाकुरताल तक तेंदुओं का सुरक्षित कॉरिडोर बन गया है। पिछले एक साल में नयागाँव से लगी पहाड़ी पर तेंदुए के नए परिवार ने दस्तक दी थी, लेकिन अब अनुमान है कि यहाँ 6 से ज्यादा तेंदुए सक्रिय हैं।
Created On :   11 Aug 2020 2:12 PM IST