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कोरोनो संक्रमित मुस्लिम शवों के लिए अलग हो कब्रिस्तान - नसीम खान
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना के चलते जान गवाने वाले व्यक्ति के शव को कब्रिस्तान में न दफनाने देने से जुड़ी घटना के बाद वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और राज्य के पूर्व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आरिफ नसीम खान ने सरकार से मांग की है कि मुसलमानओं को दफनाने के लिए मौजूद कब्रिस्तान में अलग व्यवस्था की जाए और अगर बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़ती है तो पुर्वी और पश्चिमी उपनगरों में मुसलमानों को दफनाने के लिए अलग कब्रिस्तान दिए जाएं।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजे खत में नसीम खान ने लिखा है कि मलाड के मालवणी कब्रिस्तान में कोरोना से मरे एक बुजुर्ग को दफनाने की इजाजत नहीं दी गयी। जिससे मुस्लिम समुदाय में रोष है। बता दें कि कब्रिस्तान में दफन की इजाजत न मिलने के बाद बुजुर्ग का हिदू श्मशान में दाह संस्कार कर दिया गया था। खान ने कहा कि कोरोना से मारे गए मुस्लिम समुदाय के लोगों को धार्मिक रीति रिवाजों के मुताबिक दफन ही किया जाना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी कोरोना पीड़ितों को दफन करने की इजाजत देता है। इसलिए मौजूद कब्रिस्तान के एक हिस्से में कोरोना से मरने वालों को दफन करने की व्यवस्था की जाए। साथ ही मरने वालों का आंकड़ा बढ़ने पर और कब्रिस्तान के लिए जमीन दी जाए।
वक्फ बोर्ड की चेतावनी
कोरोना से मरने वालों को दफनाने के लिए कब्रिस्तान में जगह न दिए जाने की खबरों से नाराज महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड ने सभी कब्रिस्तानों के ट्रस्टियों/मुतवल्ली को चेतावनी दी है कि कब्रिस्तान में दफन का विरोध करने पर उनके खिलाफ कड़ी करवाई की जाएगी। वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनीस शेख ने सभी क़ब्रिस्तानों के ट्रस्टियों को चेतावनी भरा आदेश भेजाहै। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार साफ कर चुकी है कि कोरोना से मौत के बाद दफनाने में कोई परेशानी नहीं है।ऐसे में मृतक का शव अस्पताल से नजदीकी कब्रिस्तान में दफनाने की व्यवस्था की जाए।
Created On :   3 April 2020 9:53 AM IST