- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- न महापौर, न पार्षद, जनसुनवाई में...
न महापौर, न पार्षद, जनसुनवाई में होती थी जनता की सुनवाई वह भी हो गई बंद

पिछले साल मार्च में आखिरी बार सुनी गई लोगों की पीड़ा
डिजिटल डेस्क जबलपुर । आम जनता को यदि नगर निगम सम्बंधी कोई शिकायत है तो वह किसके पास जाए अब यह समस्या पैदा हो गई है, क्योंकि इन दिनों न तो महापौर हैं और न ही पार्षद। ऐसे में एक सहारा जनसुनवाई का था, लेकिन पिछले साल मार्च माह में जनसुनवाई जो बंद हुई तो उसके बाद उसे दोबारा चालू करने के बारे में किसी ने सोचा ही नहीं। अब हर मंगलवार को आम नागरिक अपनी समस्याएँ लेकर आते हैं, लेकिन मायूस होकर लौट जाते हैं। सड़क, पानी, सफाई और जन्म से लेकर मृत्यु तक हर मामले में नगर निगम ही लोगों की एकमात्र उम्मीद होती है। कोई भी समस्या होने पर लोग सीधे पार्षदों के पास दौड़ते हैं, लेकिन इन दिनों पार्षद पूर्व हो गए हैं और निगम में प्रशासक राज लागू है। प्रशासक नगर निगम में कभी बैठते नहीं हैं। निगमायुक्त का अधिकांश समय स्मार्ट सिटी के कार्यालय में बीतता है, अब जनता जाए तो कहाँ जाए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह बोलते नहीं थकते कि जनता को परेशानी नहीं होनी चाहिए, लेकिन परेशानी हल भी तो नहीं हो रही। प्रत्येक मंगलवार को निगम में जनसुनवाई होती थी तो 25 से लेकर 50 शिकायतें तक आती थीं।
Created On :   10 Feb 2021 3:44 PM IST