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भतीजे आदिनाथ ने थामा अस्थि कलश, बहन आशा भोंसले ने सोशल मीडिया पर शेयर की तस्वीर, राज्यपाल ने भी यू किया याद
डिजिटल डेस्क, मुंबई। लता जी अब इस दुनिया में नहीं हैं। 6 फरवरी, रविवार सुबह भारत रत्न लता मंगेशकर का निधन हो गया। राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। शिवाजी पार्क में उनका अंतिम संस्कार किया गया। लता दीदी के भाई पंडित हृदयनाथ मंगेशकर ने उन्हें मुखाग्नि दी थी। इसके बाद सोमवार को उनकी अस्थियां मंगेशकर परिवार को सौंपी गईं। अस्थियां कहां विसर्जित की जाएंगी, इस बारे में अभी तक परिवार की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है। लगभग आठ दशकों तक अपनी आवाज से लाखों लोगों को मंत्रमुग्ध करने वाली लता मंगेशकर का रविवार को निधन हो गया। उनका शिवाजी पार्क में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया था।
अस्थि कलश लेने लता दीदी के भतीजे आदिनाथ मंगेशकर शिवाजी पार्क पहुंचे थे। जहां से वो लता दीदी के निवास स्थान प्रभु कुंज गए। आदिनाथ लता दीदी के भाई हृदयनाथ मंगेशकर के बेटे हैं। वे अपनी बुआ और पिता की तरह ही गायक हैं। लता के अनेक फैन्स ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर मांग की है कि दिवंगत लता दीदी का अंतिम संस्कार जिस शिवाजी पार्क में हुआ, वहां उनका स्मारक बनया जाए।
उधर लता मंगेशकर को लेकर उनकी बहन आशा भोंसले ने सोशल मीडिया पर अपनी और लता मंगेशकर की एक तस्वीर शेयर की। जो आशा और लता ताई के बचपन की है। इंस्टाग्राम पर शेयर की गई तस्वीर के साथ आशा भोंसले ने कैप्शन में लिखा है कि बचपन के दिन भी क्या दिन थे, दीदी और मैं.’ कैप्शन के साथ ही आशा ने हार्ट शेप इमोजी भी शेयर किया। इस पोस्ट को लाखों लोग लाइक कर चुके हैं। सैंकड़ों कमेंट्स आए हैं। फैंस उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
लता के गीतों में ईश्वर को जगाने की शक्ति थी- राज्यपाल
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि भारतरत्न लता मंगेशकर का निधन देश के हर परिवार के लिए दुखद खबर है। लता का संगीत देश, भाषा और समय की सीमाओं को पार करके अंतरआत्मा को जगाने वाला था। राज्यपाल ने कहा कि लता के भक्ति गीतों में ईश्वर को जगाने और प्रेम गीतों में युवाओं को खुशी की लहर पैदा करने की शक्ति होती है। उनके देश भक्ति गीत जवानों में जोश पैदा करने वाले और उनकी गाई लोरियां बच्चों को अच्छी नींद में सुलाने का जादू था।
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि लता के निधन से विश्व भर के करोड़ों संगीत प्रेमियों के कानों को तृप्त करने वाली अलौकिक आवाज खो गई है। लेकिन लता के आवाज के स्पर्श से अमर हुए गीतों के जरिए उनकी आवाज अनंत समय के लिए गूंजती रहेगी। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि लता के निधन से हमारे बीच से संगीत की आत्मा चली गई है। लेकिन आवाज अमर है। अगले कई सौ सालों तक उनकी आवाज हम सभी लोगों को प्रेरित करती रहेगी। फडणवीस ने कहा कि लता प्रमुख राष्ट्रवादी थीं। वह राष्ट्र कार्यों के लिए समर्पित थीं। लता का वीर सावरकर के प्रति असीम श्रद्धा थी।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी लता को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि लता के निधन से महाराष्ट्र और देश का हर व्यक्ति और प्रत्येक परिवार दुखी है। लता महाराष्ट्री की कन्या थीं। उनके निधन से महाराष्ट्र और देश का बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह कल्पना कर पाना भी मुश्किल हो रहा है कि लता हमारे बीच नहीं हैं। उनके न रहने का दुख हमेशा रहेगा लेकिन उनके गाने हमें हमेशा उनकी याद दिलाते रहेंगे।प्रदेश के राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने कहा कि कहा कि लता के निधन की खबर अत्यंत वेदनादायी है। उन्होंने अपनी मधुर आवाज से विश्व भर के श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया है। उनका स्वर उनके गानों के माध्यम से हम सबके साथ हमेशा रहेगा। थोरात ने कहा कि मेरा सरकारी आवास लता के घर के पास था। उन्होंने मुझे फोन पर कहा था कि कोरोना महामारी खत्म होने के बाद हमारी आपसे मुलाकात होगी। लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो पाई थी। यह दुख मेरे मन में हमेशा रहेगा। प्रदेश के सांस्कृतिक कार्य मंत्री अमित देशमुख ने कहा कि लता पूरे विश्व में भारत की अभिमान थीं। उनके निधन से संगीत क्षेत्र को हुए नुकसान की भरपाई कभी नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि लता का देशमुख परिवार के करीबी रिश्ता था।
Created On :   7 Feb 2022 4:40 PM IST