नई उम्र पर भारी पड़ा वायरस, संक्रमितों में 18 फीसदी बुजुर्ग, जबकि युवा 37 प्रतिशत तक, दोगुने से ज्यादा!

New age virus hit 18 percent of the elderly, while youth up to 37 percent, more than doubled!
नई उम्र पर भारी पड़ा वायरस, संक्रमितों में 18 फीसदी बुजुर्ग, जबकि युवा 37 प्रतिशत तक, दोगुने से ज्यादा!
नई उम्र पर भारी पड़ा वायरस, संक्रमितों में 18 फीसदी बुजुर्ग, जबकि युवा 37 प्रतिशत तक, दोगुने से ज्यादा!

पॉजिटिविटी ट्रेंड - कमांड कंट्रोल सेंटर के आँकड़े में कम उम्र वालों पर ज्यादा खतरनाक साबित हुआ संक्रमण
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
अब तक कहने सुनने में आने वाली बात आँकड़ों में भी सच साबित हो रही है। कोरोना की दूसरी लहर ने बुजुर्गों से ज्यादा युवाओं को अपनी गिरफ्त में लिया है। इसकी वजह जो भी रही हो लेकिन पॉजिटिविटी का ट्रेंड यही कह  रहा है कि पिछले एक महीने में आए नए संक्रमितों में 16 फीसदी बुजुर्ग रहे, जबकि नई उम्र के मरीजों का आँकड़ा 35 प्रतिशत के आँकड़े तक जा पहुँचा। कोविड-19 की सेकेण्ड वेव इसलिए भी ज्यादा खतरनाक मानी गई क्योंकि इसने अच्छी खासी इम्युनिटी रखने वालों का भी भ्रम तोड़ा। कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर जबलपुर ने अप्रैल के महीने में जो आँकड़े जुटाए उसमें तकरीबन 20,000 नए संक्रमितों पर अध्ययन किया गया। इससे यह पहलू निकलकर आया है कि कोरोना वायरस इस बार बुजुर्गों से ज्यादा युवाओं के लिए खतरनाक साबित हुआ है। 
18 से कम सिर्फ 6 प्रतिशत
शुरुआती दौर से ही कहा जाता रहा है कि बच्चों का इम्युन सिस्टम ज्यादा स्ट्रॉन्ग होता है। हाल के आँकड़े भी यही कहते हैं। दूसरी लहर के ट्रेंड से पता चलता है कि 18 वर्ष से कम उम्र वाले सिर्फ 6 प्रतिशत बच्चे-किशोर ही पॉजिटिव हुए। इससे यह भी सामने आया कि टीन एजर्स की एम्युनिटी भी यंगस्टर्स से ज्यादा बेहतर होती है। 
20,270 कुल नए संक्रमित
कमांड सेंटर ने अपने डाटा कलेक्शन में नए सिरे से 20270 संक्रमित जुटाए हैं। इसमें 18 वर्ष तक के 1210 पॉजिटिव सामने आए। 19 से 35 आयु वर्ग के संक्रमितों की संख्या 7420 (37 प्रतिशत) रही। इसके अलावा 36 से 60 वर्ष की उम्र वालों में 8 हजार पॉजिटिव निकले लेकिन इसमें भी 45 से कम उम्र वालों की ही संख्या ज्यादा रही। 60 से अधिक उम्र वाले संक्रमितों की संख्या सबसे कम 3,640 (18 प्रतिशत) रही। 
सीधे संपर्क से 4 हजार पॉजिटिव 
दूसरी लहर के तकरीबन 4 हजार पॉजिटिव केस ऐसे रहे जो अपने किसी खास (पहले से संक्रमित) परिचित और परिजन के सीधे संपर्क में आए। बाकी का ब्यौरा हासिल नहीं हो पाया है कि उन्हें संक्रमण कहाँ और किस लापरवाही से मिला। 
ज्यादा संक्रामक 
पिछली बार की मुकाबले इस बार संक्रमण का असर युवाओं में ज्यादा असर दिखाई दे रहा है, ज्यादा इफेक्ट भी डाल रहा है।      
-संजय जैन, आरएम, विक्टोरिया अस्पताल
 

Created On :   4 May 2021 2:28 PM IST

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