Jabalpur News: छतरपुर में छिपा हुआ था करोड़ों के धान घोटाले का मुख्य आरोपी

छतरपुर में छिपा हुआ था करोड़ों के धान घोटाले का मुख्य आरोपी
  • क्राइम ब्रांच और पाटन पुलिस ने छापेमारी कर जिला प्रबंधक को दबोचा, घोषित था 74 हजार रुपए का इनाम
  • न्यायालय के समक्ष पेश कर उसे पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर लिया गया है।

Jabalpur News: पाटन थाना क्षेत्र में हुए करोड़ों के धान घोटाले का फरार मुख्य आरोपी दिलीप किरार छतरपुर में छिपकर फरारी काट रहा था। सूचना मिलने पर क्राइम ब्रांच एवं पुलिस की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को वहां दबिश दी और आरोपी को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है।

उक्त आरोपी के खिलाफ पाटन के अलावा कुंडम, सिहोरा, मझगवां, मझौली, कटंगी, गोसलपुर, भेड़ाघाट, पनागर, बेलखेड़ा, बरेला एवं गोराबाजार थाना क्षेत्रों में भी धोखाधड़ी के दर्ज प्रकरण में 74 हजार रुपए इनाम घोषित था।

पूछताछ के लिए पुलिस ने लिया रिमांड पर | सूचना मिली थी कि फरार आरोपी दिलीप किरार छतरपुर में छिपा है। क्राइम ब्रांच तथा पुलिस की संयुक्त टीम ने वहां दबिश देकर सराफा खटीक मोहल्ला कोतवाली निवासी 62 वर्षीय दिलीप किरार को अभिरक्षा में लेकर पाटन थाने में पहुंचाया। इसके बाद न्यायालय के समक्ष पेश कर उसे पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर लिया गया है। अब शेष फरार आरोपियों की भी सरगर्मी से तलाश शुरू कर दी गई है।

आपूर्ति नियंत्रक के प्रतिवेदन पर शुरू हुई थी जांच

पुलिस के अनुसार पाटन थाना में जबलपुर की आपूर्ति नियंत्रक नुजहत बानो बकाई ने एक लिखित प्रतिवेदन प्रस्तुत कर बताया था कि मप्र शासन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चावल वितरण के लिए किसानों से धान का उपार्जन किया जाता है। इसके लिए मप्र सिविल सप्लाइज काॅर्पोरेशन को उपार्जन एजेंसी नियुक्त किया गया है।

जहां उपार्जन एजेंसी द्वारा राइस मिलर से धान की मिलिंग करवाकर उसके चावल तैयार करवाए जाते हैं। धान का उठाव मिलर द्वारा किया जाता है, वहीं मिलर के मास्टर डेटा के आधार पर धान चालान में अंतिम रूप से ट्रक नंबर की प्रविष्टि की जाती है।

जांच के लिए गठित किया गया था 4 सदस्यीय दल

जिले में उपार्जित धान को जिले के बाहर के मिलर्स ने उठाने की बजाय स्थानीय दलालों को बेचे जाने की शिकायत पर जांच के लिए कलेक्टर ने अपर कलेक्टर नाथूराम गोंड, संयुक्त कलेक्टर ऋषभ जैन, शिवाली सिंह एवं सहायक जिला आपूर्ति अधिकारी संजय खरे का चार सदस्यीय जांच दल गठित किया था।

करोड़ों की धोखाधड़ी हुई थी उजागर

जांच दल ने पाया कि पाटन स्थित सोसाइटी व उपार्जन केंद्र द्वारा अंतर जिला मिलिंग के लिए धान परिवहन में 21129 क्विंटल धान समर्थन मूल्य 4,85,96,700 रुपए की धोखाधड़ी की गई है। पुलिस ने जांच ने पाया कि मिलर्स, मप्र स्टेट सिविल सप्लाइज काॅर्पोरेशन के अधिकारी, कर्मचारी तथा सोसाइटी व उपार्जन केंद्र के कथित अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा आपराधिक षड्यंत्र कर कूट रचित दस्तावेज तैयार करते हुए शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई।

Created On :   5 July 2025 6:08 PM IST

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