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Jabalpur News: सुबह परीक्षा हुई शाम को रिजल्ट, रादुविवि को दिलाया ए ग्रेड कुलगुरु प्रो. राजेश कुमार वर्मा

- 19 करोड़ का घाटा किया कम, व्यवस्थित मूल्यांकन व्यवस्था लागू कर बचाए 40 लाख
- पूरे महाकौशल में पहली बार हम 5 वर्षीय एमबीए इंटीग्रेटेड कोर्स आरंभ करने जा रहे हैं।
Jabalpur News: रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में कुलगुरु प्रो. राजेश कुमार वर्मा ने कहा कि उनके कार्यकाल में परीक्षा परिणाम घोषित करने का रिकाॅर्ड कायम किया गया। विवि ने सुबह परीक्षा ली और शाम को रिजल्ट घोषित कर दिया। उन्होंने टीम वर्क से विवि को नैक ग्रेडिंग में ए ग्रेड दिलाया, इससे रादुविवि प्रदेश का तीसरा व्यवस्थित विवि बन गया है।
प्रो. वर्मा ने बताया कि उनके कुलगुरु के रूप में 18 महीने के कार्यकाल में सबसे बड़ी चुनौती समय पर परीक्षा परिणाम घोषित करने के साथ ही विवि की आर्थिक स्थिति को सुधारना था। उन्होंने इसके लिए विवि के प्राध्यापकों और कर्मचारियों को मोटिवेट किया। इसके परिणामस्वरूप विवि के घाटे में 19 करोड़ के घाटे को कम करने में सफलता मिल पाई, वहीं दूसरी तरफ अधिकांश मूल्यांकन शहर में ही कराया गया।
इससे मूल्यांकन कार्य में लगभग 40 लाख रुपये की बचत हुई। पीएम उषा योजना के अंतर्गत विवि को 20 करोड़ रुपये का अनुदान मिला है। इससे जल्द ही नये भवनों का निर्माण किया जायेगा। इसके साथ ही विवि में शैक्षणिक पदों पर जल्द ही नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
नए पाठ्यक्रमों को शुरू करना है प्राथमिकता
कुलगुरु ने कहा के राष्ट्रीय स्नातक स्तर पर बीएससी बीकॉम एवं कई रोजगार उन्मुख पाठ्यक्रमों को शुरू करने के लिए 2024 से प्रयास शुरू किये और 2025-26 में इस वर्ष विभिन्न कांविनेशन और नए पाठ्यक्रम के साथ 30 से अधिक कोर्स आरम्भ किये हैं। पूरे महाकौशल में पहली बार हम 5 वर्षीय एमबीए इंटीग्रेटेड कोर्स आरंभ करने जा रहे हैं।
कई संस्थाओं से किए एमओयू
रादुविवि ने शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के साथ वैदिक गणित के लिए एमओयू किया है, वहीं भारतीय ज्ञान परंपरा का केंद्र शुरू हो रहा है। एमए ट्राइबल स्टडी कोर्स आरंभ किया है। पतंजलि विश्वविद्यालय से जल्द ही एमओयू होने वाला है। ट्रिपल आईटीडीएम एवं शा. इंजीनियरिंग कॉलेज के सहयोग से बीटेक और अन्य पाठ्यक्रम को आगे बढ़ा रहे हैं।
शिक्षा और शिक्षण से रहा है लम्बा नाता
प्रो. वर्मा ने बताया कि शिक्षा और शिक्षण कार्य से उनका लम्बा नाता रहा है। उन्होंने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से मेरिट से एमकॉम किया है। पीएससी की परीक्षा दो बार उत्तीर्ण की है, वर्ष 1993 में नेट और 1994 में चार्टर्ड अकाउंटेंट की डिग्री हासिल की। 1991 से वे शिक्षण कार्य से जुड़े। वे 1 वर्ष के लिए यूजीसी में संयुक्त सचिव पद पर प्रति नियुक्ति पर रह चुके हैं। वर्तमान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत ऑर्डिनेंस 14 (1) और 14 (2) के अध्यक्ष हैं।
Created On :   5 July 2025 6:52 PM IST