दीक्षांत के लिए नए परिधान, शुरू हो गया कमीशन का खेल! रादुविवि में 3 मई को आयोजित होगा

New apparel for conviction, game of Commission started in university
दीक्षांत के लिए नए परिधान, शुरू हो गया कमीशन का खेल! रादुविवि में 3 मई को आयोजित होगा
दीक्षांत के लिए नए परिधान, शुरू हो गया कमीशन का खेल! रादुविवि में 3 मई को आयोजित होगा

डिजिटल डेस्क जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय का 30वां दीक्षांत समारोह 3 मई को आयोजित हो रहा है और पहली बार दीक्षांत समारोह भारतीय परिधान में होना है, लेकिन इस परिधान में कमीशन का खेल शुरू हो गया है। पूर्व के दीक्षांत समारोह में जहां प्रतिभागियों को मात्र 250 से 300 तक में गाउन उपलब्ध हो जाता था। वह इस बार बढ़ गया और भारतीय परिधान के नाम पर ड्रेस कोड तैयार करने का जो अतिरिक्त खर्च है उसे पदाधिकारियों और डिग्रीधारियों को अलग से वहन करना पड़ रहा है। वहीं इस बार पंजीयन शुल्क भी बढ़ा दिया गया है।

विवि प्रशासन ने दीक्षांत समारोह के लिए स्वर्णपदक धारियों के लिए 400 एवं पीएचडी धारियों के लिए पंजीयन शुल्क की राशि 700 रखी है। बताया जाता है िक विश्वविद्यालय की ओर से दीक्षांत ड्रेस कोड के रूप में सभी के लिए सफेद कुर्ता-पायजामा निर्धारित किया गया है, जिन्हें स्वयं क्रय करना है, वहीं अलग-अलग रंगों की जैकेट के लिए विश्वविद्यालय  दीक्षांत से जुड़े कुछ लोग  एक खास दुकान का विजिटिंग कार्ड पकड़ा रहे हैं। अन्य दुकानों से जैकेट लेने से इन लोगों द्वारा प्रतिभागियों को यह कहकर रोका जा रहा है कि दूसरी दुकान से ली गई जैकेट का कलर और कपड़ा अलग हो सकता है।

प्रतिभागियों ने बताया कि दूसरी दुकान से 600 से 800 में मिलने वाली जैकेट विजिटिंग कार्ड में दर्ज दुकान विशेष में अभी से 1000 से 1200 तक की बताई जा रही है। बताया जाता है कि विश्वविद्यालय दीक्षांत में भारतीय परिधानों की आड़ में पहले ही कुछ लोगों ने परिधानों को लेकर अपना कमीशन फिक्स कर लिया है। 

नियम ने बढ़ाई परेशानी  
रादुविवि में इस बार दीक्षांत समारोह के लिए पूर्व के दीक्षांत गाउन के स्थान पर भारतीय परिधान को अनिवार्य किया गया है। क्योंकि यह निर्णय समन्वय समिति की बैठक में लिया गया है। प्रतिभागियों को  पूर्व में जहां दीक्षांत गाउन और हैट के लिए 250 का किराया देना पड़ता था, वहीं इस बार उन्हें पंजीयन शुल्क के अलावा उत्तरीय एवं पगड़ी विश्वविद्यालय काउंटर से क्रय करना पड़ेगा। साथ ही शेष परिधान भी छात्र-छात्राओं को स्वयं खरीदना होगा। 

 

Created On :   30 April 2018 2:03 PM IST

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