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200 मीटर सीमा में जाकर उलझ गई न्यू भेड़ाघाट सड़क, बारिश बाद होगा सीमांकन तब बनेगी आगे

डिजिटल डेस्क जबलपुर ।पिछले एक साल से न्यू भेड़ाघाट सड़क का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन यह अब तक पूरी नहीं हो सकी है। सड़क अब न्यू भेड़ाघाट से पहले डुडवारा गाँव में 200 मीटर के हिस्से में जाकर उलझ गई है। इसकी वजह यह है कि जहाँ पर यह सड़क चौड़ी की जानी है वहाँ पर कुछ लोगों से भूमि संबंधी विवाद सामने आया है। लोक निर्माण विभाग सड़क बनाना चाह रहा था जिसको बनाने से रोक दिया गया। अब लोक निर्माण विभाग का दावा है कि मानसून सीजन खत्म होने के बाद सड़क जहाँ पर बननी है उस हिस्से का सीमांकन कराकर सड़क का निर्माण आगे बढ़ाया जाएगा। फिलहाल इस सड़क से निकलने के दौरान परेशानी बरकरार है। लंबी जद््दोजहद के बाद भी सड़क से निकलने में राहत नहीं है। रास्ते के अलग-अलग हिस्सों में 4 बरसाती पुलिया जैसे-तैसे बन गईं तो अब आगे जाकर सड़क उलझ गई है।
गौरतलब है कि नानाखेड़ा गाँव की सीमा से इमलिया, डुडवारा और ग्वारीगाँव तक 9 किलोमीटर के दायरे में 17 करोड़ की लागत से इस सड़क को बनाया जा रहा है। यह बेहद उपयोगी सड़क है, क्योंकि न्यू भेड़ाघाट तक इससे हजारों पर्यटक आते-जाते हैं। यह नर्मदा के उस हिस्से तक सहजता से पहुँचाएगी जहाँ अभी तक जाने में बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस सड़क के बन जाने से जो पर्यटक न्यू भेड़ाघाट तक अभी नहीं जाते हैं वे आसानी से तिलवारा से आगे नानाखेड़ा और आगे इसी रास्ते से न्यू भेड़ाघाट पहुँच सकते हैं। इस मार्ग के किनारे नर्मदा के कई विहंगम दृश्य देखने मिल सकते हैं। लोक निर्माण विभाग के एसके दाहिया के अनुसार सड़क जहाँ पर अभी उलझी है उस समस्या को बारिश के तुरंत बाद निपटा लिया जाएगा। जो फाइनल कोट सड़क का बाकी है उसको बारिश के बाद कर दिया जाएगा। अब कोई परेशानी इसमें नहीं है।
इसी मार्ग में सवा लाख साल पुराने जलोदर
न्यू भेड़ाघाट के हिस्से में ही नर्मदा जिन पत्थरों को काटकर आगे बहती है उन पत्थरों को सवा लाख साल पुराना माना गया है। जानकारी के अनुसार ये जलोदर हैं जो दुनिया की किसी और नदी में नहीं पाये जाते हैं। इन्हीं जलोदर और असीम सुंदरता तक पहुँचने के लिए न्यू भेड़ाघाट की सड़क उपयोगी साबित होगी। खासकर गर्मी और शीत ऋतु के समय इनका दृश्य बहुत ही सुंदर होता है। हाल ही में जीवाश्म पार्क के लिए इसका अध्ययन किया गया है। यह जलोदर इसी मार्ग के किनारे हिस्से में हैं।
Created On :   7 Sept 2020 6:32 PM IST