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निजी अस्पताल में इलाज कराने सचिन वाझे को मिली अनुमति
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर विस्फोटक लदी कार मिलने व कारोबारी मनसुख हिरण मामले में आरोपी बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को अपने हृदय संबंधी बीमारी का इलाज निजी अस्पताल में कराने अनुमति दे दी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इलाज का खर्च वाझे व उसके परिवार के लोग उठाएंगे।
वाझे ने कोर्ट से आग्रह किया कि उसे निजी अस्पताल में इलाज की अनुमति दी जाए। क्योंकि वह हिरासत में स्टैन स्वामी की तरह नहीं मरना चाहता है। 84 वर्षीय स्वामी भीमा-कोरेगांव के एल्गार परिषद मामले में आरोपी थे। जिनकी मुंबई के निजी अस्पताल में 5 जुलाई 2021 को निजी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। वाझे ने पिछले सप्ताह कोर्ट में आवेदन दायर कर निजी अस्पताल में उपचार की इजाजत मांगी थी। आवेदन में वाझे ने दावा किया था कि उसके हृदय में तीन बड़े ब्लाकेज है। यह ब्लाकेज 90 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। वाझे ने सीने में दर्द की भी शिकायत थी। आवेदन में वाझे ने कहा था कि डॉक्टरों ने उसे बॉयपास सर्जरी की सलाह दी है। इस तरह न्यायाधीश ने वाझे के आवेदन व उपचार से जुड़े दस्तावेजों को देखने के बाद उन्हें निजी अस्पताल में उपचार की इजाजत दे दी। वाझे फिलहाल तलोजा जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।
NIA को वाझे-माने की हिरासत सौंपने से इंकार
इससे पहले कोर्ट ने इसी मामले में वाझे व सुनील माने की हिरासत एनआईए को सौपने से इंकार कर दिया। एनआईए की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने न्यायाधीश पीआर सिंत्रे के सामने कहा कि इस प्रकरण में पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा व चार अन्य लोगों की गिरफ्तारी के बाद महसूस कर रही है कि मामले में और लोगों ने सक्रिय भूमिका निभाई है। एनआईए की जांच अंतिम पडाव पर है। इसलिए वह इन दोनों को अपनी हिरासत में लेकर फिर से पूछताछ करना चाहती है। इसलिए वाझे को दो दिन के लिए व माने को पांच दिन के लिए उसकी कस्टडी में भेजा जाए। क्योंकि एनआईए मामले से जुड़े गवाहों के बयान को पुष्ट करना चाहती है। लेकिन बचाव पक्ष के वकील ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि एनआईए ने वाझे व माने की हिरासत को लेकर कोई नया आधार नहीं दिखाया है। इसके अलावा वाझे 28 दिन तक एनआईए की हिरासत में रह चुके हैं जबकि माने 15 दिन तक एनआईए की हिरासत में रहे थे। इसलिए एनआईए के आवेदन पर विचार न किया जाए। इसके बाद न्यायाधीश ने एनआईए की वाझे व माने की हिरासत में भेजने की मांग को अस्वीकार कर दिया।
Created On :   30 Aug 2021 7:20 PM IST