निरुपम की सलाह : भाजपा-शिवसेना के झगड़े में न पड़े कांग्रेस, अजित पवार बोले विपक्ष में बैंठेंगे

Nirupams advice: Congress should not involved in fight of BJP-Shiv Sena
निरुपम की सलाह : भाजपा-शिवसेना के झगड़े में न पड़े कांग्रेस, अजित पवार बोले विपक्ष में बैंठेंगे
निरुपम की सलाह : भाजपा-शिवसेना के झगड़े में न पड़े कांग्रेस, अजित पवार बोले विपक्ष में बैंठेंगे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पार्टी में उपेक्षित चल रहे मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम ने कांग्रेस पार्टी को सलाह दी है कि वह भाजपा-शिवसेना के झगड़े में न पड़े। उन्होंने कहा कि शिवसेना कभी भाजपा का साथ नहीं छोड़गी। यह लड़ाई सिर्फ हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए हो रही है। राज्य में सरकार गठन में हो रही देरी के बाद कांग्रेस के कुछ नेता शिवसेना को समर्थन देने के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं। पूर्व सांसद निरुपम ने कहा कि कांग्रेस पहले से ही बुरे दौर में हैं। ऐसी स्थिति में यदि शिवसेना का साथ दिया तो पार्टी को और नुकसान उठाना पड़ेगा। कांग्रेस को अपनी विचारधारा का त्याग नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे न जाने किन कारणों से इंदिरा गांधी की इमरजेंसी का समर्थन किया था लेकिन उस वक्त इसके लिए कांग्रेस ने अपनी विचारधारा का त्याग नहीं किया था। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस मामले में राकांपा चुप है पर कांग्रेस के नेता ही ज्यादा उतावले दिखाई दे रहे हैं। शिवसेना के मुख्यमंत्री पद के लिए दबाव बनाने को गलत बताते हुए पूर्व शिवसेना सांसद ने कहा कि 56 सीट के बल पर मुख्यमंत्री की मांग करना लोकतंत्र में सही नहीं है।         

विपक्ष में बैठेगी कांग्रेस-राकांपाः अजित पवार

उधर भाजपा-शिवसेना के बीच चल रहे गतिरोध के बीच विपक्षी दल राकांपा-कांग्रेस के नेताओं की तरफ से अलग-अलग बयानबाजी हो रही है। राकांपा विधायक दल के नेता अजित पवार ने कहा है कि उनकी पार्टी और सहयोगी दल कांग्रेस विपक्ष में बैठेंगे। पवार ने कहा कि चुनाव के परिणाम से साफ है कि उन्हें विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है और वह ऐसा ही करेंगे। जबकि शुक्रवार को राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि भाजपा-शिवसेना के असफल रहने के बाद हमारी पार्टी वैकल्पिक सरकार बना सकती है। इसी तरह कांग्रेस पार्टी के नेता भी शिवसेना को समर्थन देने को लेकर अलग-अलग बयानबाजी कर रहे हैं। आजित ने गुरुवार की रात पार्टी अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर राकांपा के बड़े नेताओं के साथ बैठक करने के बाद यह टिप्पणी की। उनकी यह टिप्पणी ऐसे वक्त आई है जब यह अटकलें चल रही हैं कि शिवसेना और राकांपा राज्य में सरकार बनाएगी और कांग्रेस उन्हें बाहर से समर्थन देगी। राकांपा ने राज्य में 54 सीटें और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती है। इधर, भाजपा ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटें जीती हैं। पवार ने शिवसेना और भाजपा के बीच जारी तनातनी पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा और शिवसेना सरकार के गठन पर चर्चा करके किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकती हैं। पवार ने कहा कि राकांपा, कांग्रेस और अन्य सहयोगी दल एक-दो दिन में फसल खराब होने के मु्द्दे को लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करेंगे। 

तो वैकल्पिक सरकार बना सकती है राकांपा

राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि यदि भाजपा और शिवसेना महाराष्ट्र में सरकार बनाने में विफल रहती हैं तो उनकी पार्टी विकल्प देने का प्रयास करेगी। मलिक ने भाजपा नेता और वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार पर उनके इस बयान को लेकर प्रहार किया कि यदि महाराष्ट्र में सात नवंबर तक नयी सरकार नहीं बनती है तो फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लग सकता है। उन्होंने कहा कि यह कुछ धमकी जैसा लगता है। लोगों ने भाजपा और शिवसेना से सरकार बनाने को कहा है। यदि वे सदन के पटल पर ऐसा करने में विफल रहती हैं तो हम विकल्प देने का प्रयास करेंगे। वे ऐसा कैसे कर पाएंगे इसका कोई ब्योरा नहीं दिया। 
 

Created On :   1 Nov 2019 2:36 PM GMT

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