ब्लैकमेलिंग के लिए आरटीआई का इस्तेमाल करने वाले को अग्रिम जमानत नहीं 

No anticipatory bail to anyone who uses RTI for blackmailing
ब्लैकमेलिंग के लिए आरटीआई का इस्तेमाल करने वाले को अग्रिम जमानत नहीं 
हाईकोर्ट ब्लैकमेलिंग के लिए आरटीआई का इस्तेमाल करने वाले को अग्रिम जमानत नहीं 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने उगाही के कथित आरोप का सामना कर रहे आरटीआई  (सूचना का अधिकार) कार्यकर्ता बिनू वर्गीस को अग्रिम जमानत देने से इंनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रकरण से जुडे तथ्य वसूली व ब्लैकमेलिग से जुड़े इस मामले में प्रथम दृष्टया आरोपी की संलिप्तता के संकेत देते हैं। मामले की जांच भी आरोपी द्वारा सूचना के अधिकार कानून के प्रावधानों के दुरुपयोग को भी दर्शाती है। इसलिए आरोपी के जमानत आवेदन को खारिज किया जाता है। 

आरोपी के खिलाफ ठाणे के नौपाडा पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 384, 385 व 34 के तहत मामला दर्ज है। यह शिकायत सरकारी अधिकारी ने दर्ज कराई है। जिसके साथ आरोपी की 15 साल पुरानी पहचान होने का दावा किया गया है। इस मामले में गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए आरोपी ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दायर किया था। न्यायमूर्ति नीतिन सांब्रे के सामने जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। इस दौरान आरोपी की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि शिकायतकर्ता व आरोपी एक दूसरे के पुराने परिचित हैं। मेरे मुवक्किल ने शिकायतकर्ता से मित्रवत कर्ज मांगा था जिसे शिकायतकर्ता ने गलत तरीके से समझकर उगाही मान लिया। इस मामले में विलंब से एफआईआर दर्ज कराई गई है। मेरे मुवक्किल ने ठाणे में कई बिल्डरों व सरकारी अधिकारियों की करतूतों व अवैध निर्माण का खुलासा किया है। इसलिए उसे मामले में फंसाया गया है। मामले से जुड़े सह आरोपियों को इस मामले में राहत मिली है। इसलिए आरोपी को भी जमानत दी जाए। 

वहीं सरकारी वकील आरोपी ऋतुजा आंबेकर ने आरोपी की जमानत का विरोध किया। उन्होंने कहा कि मामले की जांच में प्रथम दृष्टया आरोपी की इस मामले में संलिप्तता को दर्शाती है। इसलिए जांच के दौरान जो सामग्री प्राप्त की गई है। उसके आधार पर आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ किया जाना बहुत जरुरी है। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि प्रथम दृष्टया इस मामले में आरोपी की संलिप्तता नजर आ रही है। इसलिए आरोपी की जमानत की मांग पर विचार नहीं किया जा सकता। 
 

Created On :   8 Dec 2021 9:43 PM IST

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