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गंदगी के ढेर पर बैठा है शहर, शिकायत को डिलीट करके निगम कर्मी समझते हैं पूरी हो गई सफाई

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। लाखों रुपए खर्च कर नगर निगम ने स्वच्छता एप का पूरा सेटअप तैयार करवाया। इसके लिए कई कर्मचारी भी तैनात किए गए। दावा तो ऐसा था कि आप शिकायत डालो और उसका निराकरण तत्काल कराया जाएगा। कुछ दिनों तक ऐसा हुआ भी। अब यह हाल है कि कर्मचारी गंदगी या कचरे की आने वालीं शिकायतों को डिलीट करके समझते हैं कि सफाई हो गई। लोग कई बार शिकायत करते हैं तो उसमें लिख दिया जाता है कि शिकायत का निराकरण कर दिया गया है। एक तरह से नगर निगम ऑनलाइन सफाई अभियान छेड़े हुए है मतलब मौके पर जाए बिना ही सब कुछ कम्प्यूटर और एप पर ही चल रहा है।
पूर्व निगमायुक्त वेद प्रकाश के समय स्वच्छता एप की धूम थी और शिकायत करने के कुछ ही घंटों बाद शिकायत का निराकरण भी हो जाता था। यह एप प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान की देन थी। इसके लिए बकायदा पूरा सेटअप तैयार कराया गया था वही सेटअप अब भी है पर अब उस समय जितनी सर्तकता और उत्साह नहीं रह गया है। यही कारण है कि इस एप के माध्यम से शिकायत करने वालों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।
शहर में हर तरफ गंदगी के नजारे
बारिश में भले ही कीचड़ हो जाए पर गंदगी नहीं होनी चाहिए क्योंकि इससे संक्रामक रोग फैलने के आसार बढ़ जाते हैं पर इन दिनों शहर की सफाई व्यवस्स्था पूरी तरह ठप है। गलियों में फिर से पुराने जैसे हालात हैं और कचरे के ढेर नजर आ रहे हैं। सड़कों के किनारों पर भी कचरा नजर आ रहा है। लोगों में स्वच्छता की आदत तो डाली गई पर उसे लगातार बनाए रखने में खुद निगम ही फेल साबित हो रहा है।
डोर टू डोर व्यवस्स्था को लगी जंग
डोर टू डोर व्यवस्स्था के जरिए शहर के हर हिस्से से कचरा उठाया जाना था पर यह व्यवसथा भी कुछ ही वार्डों तक सीमित होकर रह गई है। गलियों में जिस प्रकार गाना बजता था और लोग उत्साह से अपने घर का कचरा फेंकने निकलते थे अब जब गाड़ी ही नहीं पहुंचेगी तो लोग करेंगे क्या इसलिए लोगों ने फिर से सड़क किनारे या अगल-बगल में कचरा फेंकना शुरू कर दिया है।
क्या यही कारण है कि स्वच्छता में फिसड्डी रहे हम
नगर निगम की इसी लापरवाही और चलताऊ रवैये के कारण शहर स्वच्छता सर्वे में फिसड्डी साबित हुआ है। इंदौर और भोपाल इस मामले में बिलकुल अलग नजरिया रखते हैं। वहां यदि कोई व्यवस्स्था लागू होती है तो उसे हमेशा के लिए माना जाता है, जबकि यहां की यह सोच है कि कुछ दिनों में सब पुराने जैसा हो जाएगा। यही कारण है कि शहर इन दिनों गंदगी के ढेर पर बैठा है।
Created On :   29 Jun 2018 1:20 PM IST