ऑपरेशन के तीन साल बाद भी नहीं मिला क्लेम..! पीडि़तों ने कहा कि हम लगा रहे ऑफिसों के चक्कर

ऑपरेशन के तीन साल बाद भी नहीं मिला क्लेम..! पीडि़तों ने कहा कि हम लगा रहे ऑफिसों के चक्कर
ऑपरेशन के तीन साल बाद भी नहीं मिला क्लेम..! पीडि़तों ने कहा कि हम लगा रहे ऑफिसों के चक्कर

डिजिटल डेस्क जबलपुर । इलाज के लिए आम आदमी वर्तमान में अस्पतालों के चक्कर लगा रहा लेकिन इलाज नहीं मिल रहा है। जैसे-तैसे इलाज भी मिल रहा है तो बीमा कंपनी कैशलेस करने में अपने हाथ खड़े कर रही है। ऐसी स्थिति में पॉलिसी धारक बिलों के भुगतान के लिए दर-दर भटकने मजबूर हैं। यहाँ तक की कई पॉलिसी धारक अपने जेवरात तथा घर गिरवी रखकर अस्पताल के बिल चुकाने मजबूर हो चुके हैं। इंश्योरेंस कंपनियों के जिम्मेदार अधिकारियों के सामने पीडि़त सारी परिस्थितियों को बयाँ कर चुके हैं फिर भी बीमा कंपनी पॉलिसी धारकों के लिए पसीज नहीं रही है। शिकायतों के साथ पीडि़त आरोप लगा रहे हैं कि पॉलिसी धारक ने घुटने का ऑपरेशन कराया तथा एक बीमित ने अपना इलाज निजी अस्पताल में कराया, लेकिन उपचार के दौरान अस्पताल प्रबंधन ने कैशलेस करने से इनकार कर दिया। अब बीमित व्यक्ति अस्पताल व दवाइयों के बिल का क्लेम पाने ऑफिसों के चक्कर लगा रहे हैं, पर अभी तक बीमा कंपनी द्वारा निराकरण नहीं किया गया।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर, जबलपुर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
घुटने के इलाज का आज तक भुगतान नहीं मिला
शहपुरा डिण्डौरी निवासी उमाशंकर पाठक ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने जीवन आरोग्य पॉलिसी ली थी। इस पॉलिसी में सभी बीमारियों को कवर किया गया था। पॉलिसी को पिछले 6 साल से वे चलाते आ रहे हैं। पत्नी करुणा पाठक के घुटने में दर्द होने के कारण इलाज के लिए उन्हें निजी अस्पताल लेकर गए थे। वहाँ चैकअप के बाद बताया गया कि घुटने का ऑपरेशन कराना पड़ेगा। चिकित्सक की सलाह पर इलाज कराने तैयार हो गए। अस्पताल में कैशलेस के लिए बीमा कार्ड दिया गया, इस पर बताया गया कि यह काम नहीं करेगा। हमारे द्वारा अस्पताल के बिलों का पूरा भुगतान किया गया। अस्पताल व दवाइयों के सारे बिल लेकर बीमा कंपनी में क्लेम किया गया था। पीडि़त का आरोप है कि वर्ष 2018 से बिल भुगतान के लिए वे चक्कर लगा रहे हैं पर आज तक मामले का निराकरण नहीं हो सका। पीडि़त का कहना है कि हम लगातार एलआईसी के जबलपुर व शहपुरा ऑफिस भी गए, पर वहाँ भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सालों बाद भी क्लेम का भुगतान बीमा कंपनी नहीं कर रही है।
11 महीने बाद भी कंपनी ने क्लेम सेटल नहीं किया
बिस्तर से उठते समय विजय नगर कचनार सिटी निवासी श्रीकांत पचौरी गिर गए थे। श्रीकांत ने बताया कि उनके परिजनों ने निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया था। चार दिनों तक चले इलाज के बाद वे पूरी तरह स्वस्थ हो गए थे। इस दौरान उनके परिजनों ने केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी का कार्ड अस्पताल प्रबंधन को दिया था। अस्पताल के द्वारा कैशलेस करने से मना कर दिया गया। उनके द्वारा बीमा कंपनी से संपर्क किया गया तो उनका कहड्डना था कि अस्पताल व दवाइयों के बिलों का भुगतान कर दिया जाएगा। अस्पताल के माध्यम से सारे बिल केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी को भेजे गए, पर 11 महीने बाद भी बीमा कंपनी ने उक्त बिलों का भुगतान नहीं किया। 
श्रीकांत का कहना है कि हम कई बार कंपनी को पत्र लिख चुके हैं और टोल-फ्री नंबर व स्थानीय ऑफिस में जाकर भी संपर्क किया, पर आज तक बिलों का निराकरण नहीं किया गया। पीडि़त का कहना है कि अगर जल्द क्लेम सेटल नहीं हुआ, तो वे न्यायालय की शरण में जाएँगे।
जल्द किया जाएगा निराकरण
हमारी कंपनी पॉलिसी धारकों हेतु कैशलेस कर रही है, जिनका कैशलेस में इलाज नहीं हुआ है उनके बिल ऑफिस में आए हैं, जल्द ही निराकरण कर भुगतान किया जाएगा। बीमित व्यक्ति सीधे हमसे संपर्क करेंगे तो जल्द ही अस्पतालों के बिलों को सेटल किया जाएगा।
देवव्रत चौधरी मैनेजर केयर हेल्थ इंश्योरेंस
 

Created On :   7 May 2021 3:10 PM IST

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