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भाजपा नेता किरीट सोमैया को हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने बुधवार को युद्धपोत आईएनएनएस विक्रांत को बचाने के नाम पर इकट्ठा किए गए 57 करोड़ रुपए की कथित हेराफेरी के मामले में आरोपी भारतीय जनता पार्टी के नेता किरीट सोमैया को अंतरिम अग्रिम जमानत प्रदान की है। इससे पहले सत्र न्यायालय ने सोमैया को जमानत देने से मना कर दिया था। इसलिए सोमैया ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन दायर किया था।
न्यायमूर्ति अनूजा प्रभुदेसाई के सामने सोमैया के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने पाया कि आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोपों के आधार को लेकर कोई ठोस सामग्री नहीं पेश की गई है। एफआईआर में आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोप अस्पष्ट और मीडिया की रिपोर्ट पर आधारित नजर आ रहे है। न्यायमूर्ति ने कहा कि प्रथम दृष्टया आरोपी के खिलाफ की गई शिकायत काफी अस्पष्ट है। जो की पूरी तरह से मीडिया रिपोर्ट पर आधारित है। शिकायत का कोई आधार ही नहीं है।
न्यायमूर्ति ने कहा कि दुर्भाग्यवश साल 2013 से 2022 के बीच मौजूदा शिकायत दर्ज होने से पहले तक इस मामले में कुछ भी नहीं किया गया। इसके मद्देनजर आरोपी (सोमैया) को अंतरिम राहत देने का उपयुक्त मामला है। लिहाजा आरोपी को गिरफ्तार करने की स्थिति में 50 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी जाती है किंतु वह इस मामले की जांच में सहयोग करें। न्यायमूर्ति ने सोमैया को 18 अप्रैल से चार दिन तक सुबह 11 बजे से दो बजे के बीच जांच अधिकारी के सामने उपस्थित रहने को कहा है। इसके साथ ही न्यायमूर्ती ने इस पूरे मामले में राज्य सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। सोमैया के जमानत आवेदन पर 28 अप्रैल को सुनवाई रखी गई है।
इससे पहले सोमैया के वकील अशोक मुंदरगी ने कहा कि यह एक बडा राजनीतिक मामला है। उन्होंने कहा कि मेरे मुवक्किल, राज्य सरकार व मुंबई महानगरपालिका ने विक्रांत को बचाने के लिए पैसे इकट्ठा किए थे। बाद में सब पीछे हट गए। किसी को नहीं पता है कि 57 करोड़ रुपए का आकड़ा कहा से आया है। इस पर न्यायमूर्ति ने पूछा कि क्या आरोपी को इकट्ठा की गई निधी के बारे में जानकारी है। श्री मुंदरगी ने इसका नकारात्मक उत्तर दिया। इस बारे में राज्यपाल कार्यालय को भी पत्र लिखा गया है लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया है। हो सकता है निधी किसी राजनीतिक दल के पास हो। मेरे मुवक्किल इस पूरे मामले की जांच में सहयोग को तैयार हैं।
वहीं पुलिस की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता शिरीष गुप्ते ने कहा कि मामले की पुलिस जांच जारी है। पुलिस आरोपी व शिकायतकर्ता को एक साथ बैठाकर पूछताछ करना चाहती है। इसके लिए पुलिस को आरोपी की हिरासत चाहिए। फिलहाल आरोपी का कोई अता-पता नहीं है। पुलिस ने 41ए (समन) आरोपी के घर पर चस्पा किया है। इस तरह मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने आरोपी को अंतरिम राहत प्रदान की ।
6 अप्रैल 2022 को ट्रांबे पुलिस ने इस मामले को लेकर सोमैया व उनके बेटे नील के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले को लेकर सेना के पूर्व अधिकारी ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में दावा किया गया है कि आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए जुटाए गए 57 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई है। इस बीच पुलिस की नोटिस के तहत सोमया के वकील विवेकानंद गुप्ता सोमैया का पांच पन्नों का जवाब लेकर पुलिस के सामने उपस्थित हुए। जिसमें उन पर लगे आरोपों को लेकर जवाब दिया गया है। उन्होंने कहा कि आगे से सोमैया पुलिस के सामने जांच के लिए उपस्थित रहेंगे। पुलिस ने सोमैया को बुधवार को अपने सामने हाजिर होने के लिए नोटिस जारी किया था।
Created On :   13 April 2022 9:20 PM IST