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ब्लैक फंगस की दवा आपूर्ति में नहीं किया भेदभाव, हाईकोर्ट में केंद्र सरकार की सफाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्र सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को बुधवार को बताया कि म्यूकर माइकोसिस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा देने में महाराष्ट्र समेत किसी राज्य के साथ भेदभाव नहीं किया गया है। सभी राज्यों को जरूरत और तय प्रक्रिया के मुताबिक दवा दी गई है। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने अदालत को बताया कि केंद्र सरकार फंगस की दवा महाराष्ट्र को नियमित सप्लाई कर रही है। उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा एम्फोटेरेसिन बी की कमी है फिर भी सरकार राज्यों की मांग पूरी करने की हर संभव कोशिश की जा रही है।
देश में उपलब्ध दवा राज्यों की मांग के मुताबिक उन्हें दी जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा पर्याप्त मात्रा में दवा हासिल करने की कोशिश में भी कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। इसके लिए टास्कफोर्स बनाई गई है, जिसकी निगरानी सुप्रीमकोर्ट कर रहा है। अमेरिकी कंपनियों से सबसे प्रभावी एम्फोटेरेसिन बी दवा आयात करने के लिए छह कंपनियों को लाइसेंस दिए गए हैं। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने पूछा था कि क्या ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा समान वितरण के नियम पर दी जा रही है। सिंह ने बुधवार को इसका जवाब दिया। बांबे हाईकोर्ट कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार की तैयारियों और उठाए जा रहे कदमों को लेकर दायर कई याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रही है।
महाराष्ट्र को मिल रही हर रोज15 हजार शीशीयां
सिंह ने अदालत को बताया कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र को पिछले कई दिनों से रोजाना एमेफोटेरेसिन बी के 15 हजार वायल्स दे रहा है। संक्रमण की दूसरी लहर के बाद देश के सभी राज्यों को अब तक 6 लाख 70 हजार वायल्स दिए गए हैं इनमें से 1 लाख 40 हजार वायल्स सिर्फ महाराष्ट्र को दिए गए हैं। राज्य सरकार की ओर से पेश हुई एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि फिलहाल राज्य को रोजाना 17,500 वायल्स की जरूरत है। उन्होंने अदालत को बताया कि राज्य में 15 जून तक म्यूकर माइकोसिस के 7511 मरीज हैं। पिछले एक सप्ताह में राज्य में फंगल इंफेक्शन के चलते 75 लोगों की जान गई है। कुंभकोणी ने यह भी बताया कि राज्य सरकार हाफकिन बायो के साथ मिल कर एम्फोटेरेसिन बी बना रही है और 18 से 30 जून के बीच 40 हजार वायल्स मिलने की उम्मीद है। अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार को मामले में हलफनामा देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 25 जून को होगी।
Created On :   16 Jun 2021 5:07 PM IST