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रेप मामले में आरोपी भाजपा नेता नाइक के खिलाफ नहीं मिले सबूत, पुलिस ने दायर की ए समरी रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। नई मुंबई पुलिस ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि उसे भारतीय जनता पार्टी के नेता व राज्य के पूर्व मंत्री गणेश नाइक के खिलाफ महिला के साथ दुष्कर्म के आरोप में दर्ज मामले को लेकर कोई सबूत नहीं मिले है। इसलिए इस मामले को लेकर मजिस्ट्रेट कोर्ट में आरोपी(नाईक) के खिलाफ ए समरी रिपोर्ट दायर कर दी गई है। नियमानुसार ए समरी रिपोर्ट तब दायर की जाती है जब किसी के खिलाफ अपराधिक मामला तो बनता है किंतु इस मामले को लेकर पुलिस को सबूत नहीं मिलते है अथवा आरोपी नहीं मिलता है। अप्रैल 2022 को एक 42 वर्षीय महिला ने नाइक पर दुष्कर्म करने व धमकाने का आरोप लगाते हुए आपराधिक नई मुंबई पुलिस के पास मामला दर्ज कराया था। शिकायत के मुताबिक दुष्कर्म पीड़िता व आरोपी(नाईक) 1995 में लिव इन रिलेशन में रहते थे। इससे उन्हें एक संतान भी हुई थी। आरोपी बच्चे को अपनाने को तैयार नहीं था। इसके साथ ही उनके बीच झगड़े हो रहे थे। इसलिए पुलिस में मामला दर्ज कराया गया था। इस मामले में गिरफ्तारी की आशंका के मद्देनजर नाइक ने पहले अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दायर किया था। कोर्ट ने सुनवाई के बाद नाइक को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान की थी। इस बीच नाइक ने इस मामले को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। नाइक ने कहा कि पीड़िता ने 1995 के इस मामले को लेकर साल 2022 में शिकायत दर्ज कराई है। उनके खिलाफ पुलिस ने आधारहीन मामला दर्ज किया है। इसलिए इसे रद्द कर दिया जाए।
शुक्रवार को यह याचिका न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे व न्यायमूर्ति आर.एन लद्धा की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान अतिरिक्त सरकारी वकील प्राजक्ता शिंदे ने खंडपीठ के सामने कहा कि पुलिस ने इस मामले को लेकर सितंबर 2022 में मैजिसट्रेट कोर्ट में ए समरी रिपोर्ट दायर कर दी है। इस पर नाइक की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक मुंदरगी ने खंडपीठ से आग्रह किया कि वे निचली अदालत को इस मामले का शीघ्रता से निपटार करने का निर्देश दे। उन्होंने कहा कि इस मामले से राजनीति पहलू जुड़ा है। जानबूझकर इस तरह के मामलों को प्रलंबित रखा जाता है। पुलिस की ओर से ए समरी रिपोर्ट दायर करने के बाद मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस मामले को लेकर शिकायतकर्ता(पीडिता) को नोटिस जारी कया है। इस बात को जानने के बात खंडपीठ ने मैजिस्ट्रेट कोर्ट को इस मामले का शीघ्रता से निपटारा करने का निर्देश दिया।
Created On :   2 Dec 2022 10:02 PM IST