31 मार्च तक कोई परीक्षा नहीं ,187 परीक्षाएं टलीं, 1 लाख पर असर

No exam till 31st March, 187 examinations postponed, impact on 1 lakh
31 मार्च तक कोई परीक्षा नहीं ,187 परीक्षाएं टलीं, 1 लाख पर असर
31 मार्च तक कोई परीक्षा नहीं ,187 परीक्षाएं टलीं, 1 लाख पर असर

डिजिटल डेस्क,  नागपुर। कोरोना वायरस के संकट को टालने के लिए राज्य सरकार के निर्देश पर राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने 31 मार्च तक अपनी सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। विश्वविद्यालय ने सोमवार को यह घोषणा की है, जिससे कुल 187 परीक्षाएं स्थगित हुई हैं। इनमें करीब एक लाख परीक्षार्थी शामिल होने वाले थे। यह नियमित पाठ्यक्रमों की नहीं, बल्कि पूर्व छात्रों की परीक्षाएं हैं। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. प्रफुल्ल साबले ने बताया कि सोमवार शाम को विश्वविद्यालय को राज्य सरकार का सर्कुलर प्राप्त हुआ। जिसके बाद संबंधित अधिकारियों ने बैठक करके परीक्षाएं स्थगित करने का निर्णय लिया। अब विश्वविद्यालय इन परीक्षाओं का नया टाइमटेबल तैयार करेगा। इसके अलावा सभी कॉलेजों की इंटरनल परीक्षाएं और प्रैक्टिल भी 31 मार्च तक नहीं होंगे।

विद्यार्थी संख्या 3 लाख के पार
प्रदेश में मुंबई, पुणे और नागपुर विश्वविद्यालय सबसे बड़े विश्वविद्यालय हैं, जहां लाखों विद्यार्थी पढ़ते हैं। नागपुर विश्वविद्यालय में विद्यार्थी संख्या 3 लाख के पार है। मुंबई और पुणे में विश्वविद्यालय केवल अंतिम वर्ष की परीक्षा लेते हैं, लेकिन नागपुर विश्वविद्यालय सभी परीक्षाएं लेता है। विश्वविद्यालय के टाइमटेबल के अनुसार 27 फरवरी से परीक्षाएं शुरू हो गई हैं। यह परीक्षाएं कुछ चरणों में ली जानी हैं। 27 फरवरी के पहले चरण में 133 परीक्षाएं शामिल हैं। 19 मार्च से शुरू होने वाले दूसरे चरण में 187 परीक्षाएं होने वाली थीं। दूसरे चरण की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई है। ये पिछले सेमिस्टर में अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों की परीक्षाएं थीं। इन स्थगित परीक्षा में बीए, बी.कॉम, बीएससी, एमए जैसे पाठ्यक्रमों का समावेश था। परीक्षाएं स्थगित होने का असर पूरे परीक्षा के टाइमटेबल पर पड़ेगा। हालांकि 3 अप्रैल से शुरू होने वाले तीसरे चरण में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 3 अप्रैल से शुरू होने जा रही परीक्षा का टाइमटेबल पहले की ही तरह रहेगा। इसमें नियमित पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं होंगी।  

रिजल्ट जारी करने में होगी देरी
विश्वविद्यालय की परीक्षाएं स्थगित होने का प्रभाव रिजल्ट पर भी पड़ेगा। विश्वविद्यालय ने परीक्षा मूल्यांकन रोक दिया है। मूल्यांकनकर्ताओं को भी  छुट्टी दी गई है। ऐेसे में विश्वविद्यालय के रिजल्ट एक से डेढ़ महीने देरी से आ सकते हैं। ग्रीष्मकालीन परीक्षा में आखिरी सेमिस्टर के विद्यार्थी अधिक होते हैं। ऐसे में रिजल्ट देरी से आने से आगे की प्रवेश प्रक्रिया पर भी असर पड़ेगा।
 

Created On :   17 March 2020 8:49 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story