कोई भी आंदोलन महात्मा गांधी और स्वच्छता अभियान से बड़ा नहीं, प्रदर्शन के नाम पर बापू को फ्लैक्स से ढक दिया गया

No movement is bigger than Mahatma Gandhi and cleanliness campaign, Bapu covered with flakes
कोई भी आंदोलन महात्मा गांधी और स्वच्छता अभियान से बड़ा नहीं, प्रदर्शन के नाम पर बापू को फ्लैक्स से ढक दिया गया
कोई भी आंदोलन महात्मा गांधी और स्वच्छता अभियान से बड़ा नहीं, प्रदर्शन के नाम पर बापू को फ्लैक्स से ढक दिया गया

नगर निगम के ठीक सामने उड़ी नियमों की होली, अपना चेहरा चमकाने महापुरुषों का अपमान करना दस्तूर बन गया इस शहर का
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
जिस महापुरुष ने सबसे पहले स्वच्छता की अलख जगाई, जिसने कांग्रेस को दुनिया में पहचान दिलाई उसी महापुरुष और राष्ट्रपिता का कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के सामने अपमान किया गया। स्वच्छता अभियान का माखौल उड़ाया गया और यह भी साबित किया गया कि नेताओं के सामने नियम और कानून सब बौने हैं। भीड़ जब चाहे जो चाहे कर सकती है यह भी साबित किया गया। यह सब हुआ ठीक नगर निगम के सामने। 
कांग्रेस ने पूर्व विधानसभा की उपेक्षा के नाम पर गुरुवार को सभा और उसके बाद नगर निगम में घेराव और प्रदर्शन किया था। इस दौरान नगर निगम मुख्यद्वार के ठीक सामने नेहरू गार्डन की दीवार पर निगम द्वारा बनवाए गए स्वच्छता अभियान के साइन बोर्ड को नेताओं के फ्लैक्स से ढक दिया गया। इस साइन बोर्ड पर बड़े अक्षरों में स्वच्छता ही सेवा स्लोगन लिखा है और अंत में महात्मा गांधी का चित्र भी बना हुआ है। आते-जाते लोग इस स्लोगन को पढ़ते हैं और बापू का चित्र देखकर उन्हें नमन भी करते हैं। रात में तो यह साइन बोर्ड दर्शनीय हो जाता है क्योंकि इसमें रोशनी की व्यवस्था है। कांग्रेसी नेताओं ने या तो इस साइन बोर्ड को देखा ही नहीं या फिर उन्हें बापू से लगाव नहीं, जो उन्होंने इतने बड़े अन्याय को नजरअंदाज कर दिया।
कमलनाथ ने कहा था मेरा भी अवैध होर्डिंग हो तो हटा देना कुछ समय पहले की ही बात है जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और अवैध होर्डिंग्स से मासूम लोगों की मृत्यु हो रही थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घोषणा की थी कि प्रदेश में एक भी अवैध होर्डिंग नहीं होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को ये निर्देश दिए थे कि यदि किसी अवैध होर्डिंग पर उनका भी चित्र हो तो वे हिचकिचाएँ नहीं बल्कि सीधे उसे हटा दें। इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस के नेताओं से भी कहा था कि बिना प्रशासन की अनुमति के कोई भी होर्डिंग न लगाया जाए। अब सरकार जाने के बाद कांग्रेसी नेताओं के नियम बदल गए या फिर वे अपने ही वरिष्ठ नेता का अपमान करने अवैध होर्डिंग लगाने लगे हैं।
निगम के अधिकारी क्यों सोते रहे
अब सवाल उठता है कि प्रदर्शन के नाम पर क्या कोई भी राजनीतिक संगठन कानून व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ा देगा और सब चुप रहेंगे। नगर निगम के ठीक सामने नियमों का माखौल उड़ता रहा, महात्मा गांधी का अपमान होता रहा और निगम अधिकारी चुपचाप सब देखते रहे। किसी अधिकारी ने इतना बोलने की हिम्मत क्यों नहीं दिखाई कि आप प्रदर्शन करो, विरोध करो यह आपका हक है लेकिन आप नियमों की बलि मत चढ़ाओ, कम से कम बापू के देश में बापू का अपमान तो न करो। हो सकता है कोई ऐसा बोलता तो नेताओं को भी अपनी गलती का अहसास हो जाता। 
करोड़ों से बनवाई पेंटिंग भी ढाँक देते हैं 
शहर में स्वच्छता अभियान के लिए दो साल पहले करोड़ों रुपये से दीवारों पर पेंटिंग करवाई गई थी। कुछ पेंटिंग तो इतनी शानदार बनीं कि लोग उन्हें रुककर देखते हैं, लेकिन इन पर भी जब तब नेताओं के चेहरे लटके नजर आते हैं। नौदरा ब्रिज पर बने कृष्णा मार्केट की दीवार पर महान दार्शनिक और आध्यात्मिक गुरु ओशो का चित्र बरबस ही लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लेता है लेकिन इस पर भी हमेशा ही संकट मंडराता रहता है क्योंकि त्योहार, भैया लोगों का जन्मदिन, रैली, आगमन के दौरान सबसे पहले इस दीवार पर ही कब्जा किया जाता है और ऐसे में करोड़ों के चहेते कोडिय़ों के फ्लैक्स के पीछे छिप जाते हैं।

Created On :   8 Jan 2021 2:40 PM IST

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