मालेगांव ब्लास्ट : कर्नल पुरोहित को डबल झटका, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत

No  relief to Colonel Purohit from High Court and Supreme Court
मालेगांव ब्लास्ट : कर्नल पुरोहित को डबल झटका, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत
मालेगांव ब्लास्ट : कर्नल पुरोहित को डबल झटका, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मालेगांव धमाके के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को दोहरा झटका लगा है। बांबे हाईकोर्ट ने आरोप तय करने पर रोक लगाने से जुड़ी उनकी याचिका खारिज कर दी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने मालेगांव धमाका मामले में उन्हें कथित रुप से अगवा और प्रताड़ित किए जाने के मामले की छानबीन के लिए विशेष जांच दल बनाने की मांग पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। 

बांबे हाईकोर्ट में कर्नल पुरोहित और मामले के दूसरे आरोपियों साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और समीर कुलकर्णी ने याचिका दायर की थी। इसमें मांग की गई थी कि मामले में दोषमुक्त करने से जुड़ी उनकी याचिका पर सुनवाई प्रलंबित है ऐसे में सत्र न्यायालय में चल रही सुनवाई को स्थगित कर दिया जाए, लेकिन हाईकोर्ट ने इससे इनकार कर दिया है। साथ ही अदालत ने कहा कि मामले में यूएपीए की धाराओं की वैधता पर निचली अदालत ही फैसला करेगी।

हाईकोर्ट का आरोप तय करने पर रोक लगाने से इंकार
मंगलवार को बांबे हाईकोर्ट में जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस मृदुला भाटकर ने मामले पर सुनवाई को बाद आरोपियों की याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट के फैसले के बाद बुधवार को विशेष सत्र न्यायालय में कर्नल पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और समीर कुलकर्णी के खिलाफ आरोप तय किया जाएगा। साल 2008 में मालेगांव में हुए धमाकों के मामले में कुल 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इसकी शुरूआती जांच एटीएस ने की थी, लेकिन बाद में इसकी जांच एनआईए को सौंप दी गई थी।

सुप्रीमकोर्ट से भी राहत नहीं
कर्नल पुरोहित ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी, कथित प्रताड़ना से जुड़े मामले की अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा जांच कराए जाने की मांग की थी। लेकिन जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले पर सुनवाई से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि इस तरह की याचिका इस समय स्वीकार करने से मामले की सुनवाई पर असर पड़ सकता है। अदालत ने निर्देश दिए कि इससे जुड़ी अर्जी सत्र न्यायालय में ही दाखिल की जाए।    
 

Created On :   4 Sep 2018 1:09 PM GMT

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