विधायकों की अपात्रता को लेकर फैसला लेने के लिए निर्धारित नहीं है समय सीमा- विधानसभा अध्यक्ष

डिजिटल डेस्क, मुंबई . शिवसेना के ठाकरे और शिंदे गुट दोनों तरफ से विधायकों को अपात्र घोषित करने के लिए दाखिल याचिका पर फैसला करने का अधिकार कानून और नियमों के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष को है लेकिन यह फैसला लेने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने यह स्पष्ट किया है। बुधवार को विधानभवन में पत्रकारों से बातचीत में नार्वेकर ने कहा कि विधायकों को अपात्र घोषित करने को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा का स्वतंत्र नियम है।जबकि अदालत में संविधान के दसवें अनुच्छेदके अनुसार इस पर फैसला लिया जाता है। वहीं विधायकों के अपात्र घोषित करने संबंधित दाखिल याचिका पर विधानसभा अध्यक्ष के सामने होने वाली सुनवाई में दिवानी कानून संहिता लागू होती है। इसलिए ऐसा नहीं होता है कि किसी के दो दिन के नोटिस देने के बाद तुरंत विधायकोंअपात्र घोषित कर दिया जाए।
नार्वेकर ने कहा कि विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरिझिरवाल ने शिवसेना के बागी विधायकों को अपात्र करने के संबंध में जो फैसला दिया है अथवा नोटिस जारी किया है, उसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। उस पर सुप्रीम कोर्ट उचित फैसला करेगा। नागपुर में दिसंबर महीने में शीत सत्र के दौरान शिवसेना के ठाकरे गुट और कांग्रेस के कुछ विधायकों ने मिलकर विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। इस पर नार्वेकर ने कहा कि संबंधित नोटिस के बारे में उचित कार्यवाही होगी। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ बीते जुलाई महीने में अविश्वास का प्रस्ताव दाखिल किया जा चुका है। इसलिए नियमों के अनुसार अगले एक साल तक दोबारा अविश्वास दाखिल नहीं किया जा सकता है।
ठाकरे परिवार से अभी तक नहीं मिली सूचना
एक सवाल के जवाब में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानभवन में शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे के तैलचित्र अनावरण समारोह के लिए ठाकरे परिवार को निमंत्रण भेजा गया है पर अभी तक उनकी तरफ से कार्यक्रम में भाग लेने को लेकर कोई सूचना नहीं दी गई है।
Created On :   18 Jan 2023 9:48 PM IST