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अभी लोकल ट्रेन में सभी को यात्रा की अनुमति नहीं, राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को दी जानकारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के चलते लोकल ट्रेन, मेट्रो ट्रेन व मोनो रेल में यात्रा को लेकर लगाई गई पाबंदियों को अभी नहीं हटाया जा सकता है। ये पाबंदियां फिलहाल जारी रहेंगी। सरकारी वकील पीपी काकड़े ने यह बात बांबे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति के के तातेड़ व न्यायमूर्ति अभय आहूजा की खंडपीठ के सामने कही। उन्होंने खंडपीठ को बताया कि फिलहाल फ्रंटलाइन वर्कर व सरकारी कर्मचारियों को लोकल, मेट्रो ट्रेन तथा मोनो रेल से यात्रा से इजाजत दी गई है। को-ऑपरेटिव बैंक एम्प्लॉइ यूनियन ने ऑपरेटिव बैंक के कर्मचारियों को लोकल व मेट्रो ट्रेन से यात्रा की अनुमति दिए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने उपरोक्त बात कही। इस दौरान यूनियन की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने कहा कि कोरोना की पहली लहर के दौरान सितंबर 2020 में रेलवे व राज्य सरकार ने सभी को-ऑपरेटिव बैंक के कर्मचारियों को ट्रेन से यात्रा की अनुमति दी थी। क्योंकि ये कर्मचारी आवश्यक बैंकिंग सेवा से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंक के कर्मचारियों को ट्रेन से यात्रा की इजाजत है। इस पर सरकारी वकील काकड़े ने कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंक के कर्मचारियों को भी यात्रा की अनुमति नहीं है। फिलहाल ट्रेन से यात्रा को लेकर लगाई गई पाबंदियों को शिथिल नहीं किया जा सकता है।
इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने कोई दस्तावेजी सबूत नहीं पेश किया है जो दर्शाए की राष्ट्रीयकृत बैंक के कर्मचारियों को ट्रेन से यात्रा की इजाजत है। इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है। खंडपीठ ने कहा कि यदि यूनियन को राष्ट्रीयकृत बैंक के कर्मचारियों की ट्रेन से यात्रा के सबूत मिलते है तो वह दोबारा कोर्ट आ सकते हैं।
Created On :   11 May 2021 2:41 PM GMT