पुलिस हिरासत में जामखेड के युवक की मौत मामले में जारी सरकार-सीआईडी को नोटिस

Notice issued to Government-CID in Jamkhed youths death in police custody
पुलिस हिरासत में जामखेड के युवक की मौत मामले में जारी सरकार-सीआईडी को नोटिस
हाईकोर्ट पुलिस हिरासत में जामखेड के युवक की मौत मामले में जारी सरकार-सीआईडी को नोटिस

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने अहमदगर जिले के जामखेडे निवासी 29 वर्षीय युवक नागेश पवार की पुलिस हिरासत में मौत को लेकर राज्य सरकार व आपराध जांच विभाग (सीआईडी) को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने यह नोटिस पवार की बहन रानी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दायर याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किया है।याचिका में पवार की मौत की जांच आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 176 (1ए) के तहत  मजिस्ट्रेट से कराने की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि पवार की मौत पुलिस की अमानवीय बर्बरता के चलते हुई है। इसलिए उसके परिजनों को उचित मुआवजा देने का भी निर्देश दिया जाए। वर्तमान में सीआईडी इस मामले की जांच कर रही है। न्यायमूर्ति अजय गड़करी व न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव की खंडपीठ ने याचिका पर गौर करने के बाद राज्य सरकार के अलावा इस मामले में राष्ट्रीय व राज्य मानवाधिकार आयोग को भी नोटिस जारी किया। खंडपीठ ने इस मामले में सरकार व मानवाधिकार आयोग को दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब देने को कहा है।

पुणे जीआरपी पुलिस ने पावर को 16 अगस्त 2022 को गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक पवार पिछले पांच सालों से लूट व डकैती के आठ अपराधों में फरार था। 24 अगस्त को पवार की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। पुलिस के मुताबिक पवार की मौत  उपचार के दौरान निमोनिया से पुणे के ससून अस्पताल में हुई थी। पवार के परिजनों के मुताबिक पवार की मौत पुलिस की प्रताड़ना के चलते हुई है।

खंडपीठ के सामने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता रितेश थोबड़े ने कहा कि यह पुलिस कि जिम्मेदारी है कि वह आश्वस्त करे कि हिरासत के दौरान आरोपी जीवन के अधिकार से वंचित न हो। उन्होंने कहा कि पवार के तीन बच्चे व उसकी पत्नी उस पर आश्रित थी। चूंकि पवार की मौत पुलिस की बर्बरता से हुई है इसलिए उसके परिजनों को आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 357 के तहत उचित मुआवजा दिया जाए। 
 

Created On :   19 Nov 2022 8:18 PM IST

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