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देवनागरी में बोर्ड न लगाने पर 522 दुकानों-व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को नोटिस
डिजिटल डेस्क, मुंबई। दुकानों और प्रतिष्ठानों में मराठी भाषा (देवनागरी लिपी) में नाम न लिखे होने पर मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने कार्रवाई शुरू कर दी है। महानगर पालिका द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक सोमवार को विभिन्न इलाकों में बीएमसी ने 2 हजार 158 दुकानो और प्रतिष्ठानों की जांच की। इनमें से 1 हजार 636 दुकानों और प्रतिष्ठानों के बोर्ड मराठी भाषा में लिखे हुए मिले जबकि 522 ऐसी दुकाने और प्रतिष्ठान मिले जिनमें मराठी में नाम नहीं लिखे थे।
नियमों के मुताबिक इन दुकानदारों और प्रतिष्ठानों के मालिकों को नोटिस दे दिए गए हैं। बीएमसी उपायुक्त संजोग कबरे के मुताबिक फिलहाल दुकानदारों को 7 दिन के भीतर मराठी बोर्ड लगाने की चेतावनी दी जा रही है। ऐसा न करने पर जुर्माना लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जुर्माना दुकान में काम करने वाले व्यक्ति के मुताबिक लगेगा। दुकान में काम करने वाले प्रति व्यक्ति दो हजार रुपए की दर से वसूला जाएगा। जुर्माना न देने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।
मुंबई में पांच लाख से ज्यादा दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं जिनमें से आधी दुकानों पर ही फिलहाल मराठी में बड़े अक्षरों में नाम लिखे हुए हैं। बता दें कि नियमों के मुताबिक दुकानों के नाम देवनागरी लिपी में अंग्रेजी या किसी दूसरी भाषा के मुकाबले ज्यादा बड़े अक्षरों में लिखे होने चाहिए। बोर्ड जांचने के लिए बीएमसी ने सभी 24 वार्डों में टीम बनाई है जिनमें 75 इंस्पेक्टर शामिल हैं। तत्कालीन उद्धव ठाकरे सरकार ने जनवरी 2022 में राज्य की सभी दुकानों के नाम मराठी में लिखे जाने से जुड़े कानून को मंजूरी दी थी। पहले इसकी समयसीमा 31 मई 2022 तय की गई थी लेकिन बाद में इसे दो बार और बढ़ाया गया। 30 सितंबर तो तीसरी समय सीमा खत्म हो गई। इसको लेकर दुकानदारों के संगठन फेडरेशन ऑफ रीटेल ट्रेडर्स एसोसिएशन को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है जिसके बाद उन्होंने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल की है जिस पर सुनवाई होनी बाकी है।
Created On :   11 Oct 2022 9:35 PM IST