- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- सीबीआई निदेशक व केंद्र सरकार को ...
सीबीआई निदेशक व केंद्र सरकार को नोटिस, सुबोध जायसवाल की नियुक्ति को लेकर दायर हुई है याचिका

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार, सीबीआई के निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल व सीबीआई को नोटिस जारी किया हैं। कोर्ट ने यह नोटिस जायसवाल की सीबीआई के निदेशक के तौर पर की गई नियुक्ति को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किया। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने इस मामले में सीबीआई व जायसवाल को 18 जुलाई 2022 तक अपना जवाब देने का निर्देश दिया है। खंडपीठ ने यह निर्देश सेवानिवृत्त सहायक पुलिस आयुक्त राजेंद्र त्रिवेदी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। इससे पहले त्रिवेदी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता एसबी तलेकर ने खंडपीठ के सामने एक हलफनामा पेश किया। हलफनामे के मुताबिक जायसवाल के खिलाफ साल 2012 में मानहानि की निजी शिकायत की गई थी। मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस शिकायत का संज्ञान भी ले लिया है। यहीं नहीं मजिस्ट्रेट ने इस मामले में जायसवाल के खिलाफ नोटिस (प्रोसस) भी जारी की है। आगे की सुनवाई के लिए फिलहाल यह मामला प्रलंबित है।
याचिका में दावा किया गया है कि जायसवाल की सीबीआई के निदेशक पद पर की गई नियुक्ति दिल्ली पुलिस इस्टेबलिसमेंट एक्ट के विपरीत है। लिहाजा जायसवाल की सीबीआई के निदेशक पद पर नियुक्ति को मंजूरी देनेवाली तीन सदस्यीय कमेटी की कार्यवाही से जुड़े रिकार्ड को कोर्ट में मंगाया जाए। याचिका में मांग की गई है कि जायसवाल की सीबीआई निदेशक के पद पर की गई नियुक्ति को रद्द कर दिया जाए। राज्य के पुलिस महानिदेशक रह चुके जायसवाल की मई 2021 में सीबीआई के निदेशक के तौर पर नियुक्त की गई थी। जिसे कोर्ट में चुनौती दी गई है।
याचिका के मुताबिक सीबीआई के निदेशक पद पर वरिष्ठतम आईपीएस अधिकारी की नियुक्ति की जानी चाहिए। जिसकी छवि पूरी तरह से बेदाग हो और भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच करने का अनुभव हो। याचिका के अनुसार श्री जायसवाल एक पुलिस अधिकारी के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान कभी किसी जांच एजेंसी के भ्रष्टाचार निरोधक प्रकोष्ठ से नहीं जुड़े रहे। इस लिहाज से कानून के मुताबिक उनके पास भ्रष्टाचार से जुड़े मामले की जांच का अनुभव नहीं है।
याचिका में कहा गया है कि जायसवाल के नेतृत्तव में तेलगी फर्जी स्टैंप पेपर घोटाले की जांच के लिए बनाए गए विशेष जांच दल(एसआईटी) बनी थी। तब वे उप महानिरीक्षक थे। सुप्रीम कोर्ट ने जब इस मामले की सुनवाई की थी। सुप्रीम कोर्ट ने जायसवाल के खिलाफ कई टिप्पणियां की थी और मामले की जांच सीबीआई को स्थनांतरित कर दिया था। याचिका में कहा गया था कि जायसवाल को लेकर कोर्ट की ओर से की गई टिप्पणियां अभी यथावत हैं। इन्हें रिकार्ड से नहीं हटाया गया हैं।
Created On :   9 Jun 2022 8:28 PM IST