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आईपीएस रश्मि शुक्ला के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से सात दिन पहले देना होगा नोटिस
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि फोन टैपिंग व संवेदनशील दस्तावेज सार्वजनिक करने से जुड़े मामले में यदि आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की दिशा में कदम उठाती है तो सात दिन पहले शुक्ला को नोटिस जारी करे। न्यायमूर्ति नीतिन जामदार व न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की खंडपीठ ने यह निर्देश देते हुए शुक्ला द्वारा इस मामले को लेकर दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने व प्रकरण की जांच सीबीआई को सौपने की मांग को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया है। बता दें कि राज्य सरकार ने मामले को लेकर जो एफआईआर दर्ज की है उसमें शुक्ला का नाम नहीं है।
आईपीएस शुक्ला वर्तमान में सीआरपीएफ के दक्षिणी जोन (हैदराबाद) की अतिरिक्त महानिदेशक हैं। इससे पहले शुक्ला महाराष्ट्र के खुफिया विभाग की प्रमुख थी। तभी फोन टैपिंग का मामला सामने आया था। बुधवार को खंडपीठ ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि हम याचिकाकर्ता (शुक्ला) की ओर से मामले की जांच सीबीआई को सौपने व एफआईआर रद्द करने से जुड़ी मांग को खारिज करते हैं। लेकिन यदि राज्य सरकार याचिकाकर्ता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की इच्छुक है तो इससे पहले याचिकाकर्ता को सात दिन पहले नोटिस दिया जाए।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने दावा किया था कि भले ही उसने इस मामले में शुक्ला को आरोपी नहीं बनाया है किंतु उनके खिलाफ जांच के लिए हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं। जबकि शुक्ला ने याचिका में दावा किया था कि राज्य सरकार उन्हें बेवजह पुलिस महकमे में तबादले व तैनाती में होनेवाले भ्रष्टाचार को लेकर रिपोर्ट सौपने के लिए निशाना बना रही है। इस प्रकरण में उन्हें बली का बकरा बनाया जा रहा है। मैंने उस वक्त अतिरिक्त मुख्य सचिव से जरुरी अनुमति लेने के बाद फोन टैपिंग की थी। किंतु खंडपीठ ने उनकी ओर से याचिका में मामले से जुड़ी एफआईआर रद्द करने की मांग को अस्वीकार कर दिया।
Created On :   15 Dec 2021 8:15 PM IST