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मराठा आरक्षण को लेकर अब भाजपा भी बनाएगी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की समिति
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सुप्रीम कोर्ट के मराठा आरक्षण रद्द करने के फैसले के बाद अब प्रदेश भाजपा राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार की खामियों को उजागर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की समिति गठित करेगी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने यह जानकारी दी। मंगलवार को विधान सभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के सरकारी आवास पर पाटील की अध्यक्षता वाली प्रदेश भाजपा की मराठा आरक्षण समिति की बैठक हुई।
इसमें विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर, पूर्व मुख्यमंत्री तथा भाजपा सांसद नारायण राणे समेत पार्टी के कई नेता मौजूद थे। बैठक के बाद पाटील ने कहा कि विशेषज्ञों की समिति के जरिए यह बताया जाएगा कि कैसे मराठा आरक्षण की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। इस संबंध में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को ज्ञापन दिया जाएगा। पाटील ने कहा कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं छाड़ सकती है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका की सुनवाई के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि 102 वें संविधान संशोधन के बाद आरक्षण देने का अधिकार राज्य सरकार को है। इसलिए राज्य सरकार को मराठा समाज को पिछड़ा साबित करने के लिए राज्य पिछड़ा आयोग का गठन करना पड़ेगा। पाटील ने कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में यह बताने में विफल रही कि मराठा समाज पिछड़ा है।
इसलिए मराठा आरक्षण आरक्षण कानून कैसे उचित है। राज्य में 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण लागू करने की स्थिति पैदा हो गई है। पाटील ने कहा कि भाजपा ने फैसला किया है। मराठा समाज के आंदोलन को समर्थन दिया जाएगा।पाटील ने कहा कि सरकार राज्य में मराठा समाज का आंदोलन नहीं होने देना चाहती है। इसलिए राज्य के मंत्री 1 जून के बाद भी लॉकडाउन को बढ़ाने के संकेत दे रहे हैं। पाटील ने कहा कि राज्य में 31 मई तक लॉकडाउन लागू है। इस लॉकडाउन की समीक्षा के बिना 15 जून तक लॉकडाउन बढ़ाने के संकेत मंत्रियों की ओर से मिल रहा है। इसका मतलब है कि सरकार से मराठा समाज की ओर से आरक्षण के लिए किया जाने वाले आंदोलन संभला नहीं पाएगा। इसलिए सरकार आंदोलन को दबाने के लिए लॉकडाउन जारी रखना चाहती है।
किसके खिलाफ आंदोलन करेगी भाजपाः चव्हाण
मराठा आरक्षण के लिए गठित मंत्रिमंडल उपसमिति के अध्यक्ष राज्य के पीडब्लूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा है कि मराठा आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है तो भाजपा बताए कि वह वास्तव में मराठा आरक्षण को लेकर किसके खिलाफ आंदोलन करेगी। मंगलवार को मराठा आरक्षण के लिए गठित मंत्रिमंडल उपसमिति की बैठक के बाद चव्हाण ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अध्ययन के लिए गठित समिति की रिपोर्ट 31 मई तक मिल जाएगी। उसके बाद राज्य सरकार पुनर्विचार याचिका दाखिल करने सहित अन्य विकल्पों को लेकर कदम उठाएगी। उन्होंने बताया कि मराठा आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रभावित सरकारी सेवा भर्ती को लेकर मुख्य सचिव को समीक्षा करने का निर्देश दिया गया था। उसकी रिपोर्ट भी दो-तीन दिनों के भीतर मिल जाएगी। इसके बाद भर्ती को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मराठा समाज के लिए पहले से घोषित शैक्षणिक शुल्क प्रतिपूर्ति, हास्टल के लिए रियायत जैसी सुविधाएं जारी रहेंगी। मराठा आरक्षण को लेकर भाजपा द्वारा कानूनी जानकारों की समिति गठित करने के सवाल पर चव्हाण ने कहा कि भाजपा ने यह समिति आंदोलन करने के लिए गठित की है। उन्होंने कहा कि मैं भाजपा से अपील करता हूं कि वह मराठा समाज को लेकर राजनीति करने की बजाय सहयोग करे।
Created On :   18 May 2021 9:23 PM IST