अब हिरणों की भी होगी गणना , वन विभाग ने की तैयारी

Now deer will also be counted, the forest department prepares
अब हिरणों की भी होगी गणना , वन विभाग ने की तैयारी
अब हिरणों की भी होगी गणना , वन विभाग ने की तैयारी

डिजिटल डेस्क, अमरावती । अमरावती जिला पर्यावरण की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस जिले में बड़ी संख्या में खेतीहर जमीन तथा वन्य परिक्षेत्र मौजूद रहने से वन्य प्राणियों की संख्या यहां अच्छी-खासी देखी जाती है।   जिले के ग्रामीण भागों में इन प्राणियों का शिकार अब भी बड़ी समस्या है। अमरावती जिले में हिरण की अच्छी-खासी संख्या है लेकिन यह हिरण कई दफा असुरक्षा का शिकार हो जाते हैं। 

समय के साथ  हिरणों की संख्या में कमी और वृद्धि का अनुपात भी चलता रहता है।  जिले में इनकी संख्या किस अनुपात में मौजूद है। इसका पता लगाने के लिए जिला वन्य कार्यालय की ओर से हिरणों की गणना शुरु की जाएगी।  सिर्फ जिले में ही नहीं बल्कि अमरावती शहर में भी हिरणों की संख्या पाई जाती है। 

आकोली, वडाली, छत्री तालाब इनके अलावा अन्य परिसरों में अच्छीखासी संख्या में हिरण देखे जाते हैं। किंतु इनकी संख्या का पर्याप्त ब्यौरा अबतक उपलब्ध नहीं है। जिससे इस सुंदर नैसर्गिक प्राणी की सुरक्षा को लेकर कई सारी दिक्कतें आती है। 
खूंखार जानवरों के अलावा हिरण कुछ शौकिनों के शिकार भी बन जाते हैं। जबकि वन्य अधिनियम के तहत इस प्राणी को संरक्षण हासिल है। इसका शिकार करनेवाले व्यक्ति के खिलाफ कानूनी तौर पर कड़ी सजा का प्रावधान है। इसके बावजूद हिरण की जान से खिलवाड़ होता रहता है। 

वन विभाग जिले भर में इनकी संख्या का उचित आकलन कर शिकार के मामलों पर कमी लाने की जुगत में है। साथ ही बाघ की तरह इनकी निगरानी के लिए भी कुछ विशेष योजनाएं बनाने पर विचार किया जा रहा है। जिले के अलग-अलग हिस्सों में कई ग्रामीणों तथा स्थानीय नागरिकों द्वारा हिरण के शिकार के मामले में सामने आए हैं। हिरण की खाल तथा उसके जिस्म से निकलनेवाली सुगंधित कस्तूरी के लालच में हिरण का शिकार किया जाता है। भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर पूरी तरह से नकेल कसने के लिए  योजना बनाई जा रही है। 

Created On :   6 Feb 2020 6:53 AM GMT

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