अभी 3500 सिलेण्डर की माँग, ऑक्सीजन बिस्तर बढ़े तो 4500 से ज्यादा पहुँच जाएगी यह डिमाण्ड

Now the demand for 3500 cylinders, if oxygen bed increases then this demand will reach more than 4500
अभी 3500 सिलेण्डर की माँग, ऑक्सीजन बिस्तर बढ़े तो 4500 से ज्यादा पहुँच जाएगी यह डिमाण्ड
अभी 3500 सिलेण्डर की माँग, ऑक्सीजन बिस्तर बढ़े तो 4500 से ज्यादा पहुँच जाएगी यह डिमाण्ड

8 दिन में 10 मौतें, ऑक्सीजन की सप्लाई रुकना बना घटना की वजह
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
शहर में बीते 8 दिनों में ऑक्सीजन की कमी की वजह से 10 कोरोना पीडि़तों की मौत हो चुकी है।  इन सभी मरीजों की ऑक्सीजन सप्लाई में किसी न किसी तरह की बाधा रही जिससे हालात बिगडऩे के बाद इन्होंने दम तोड़ा। 15 अप्रैल को हुई घटना में (जिसमें 5 मौतें हुईं )बताया गया कि प्रेशर कम था, शुक्रवार को हुई घटना में (5 मौतें) कारण बताया जा रहा है कि माइक्रो सिलेण्डर सिस्टम में खराबी हुई जिससे मत्यु हुई। दोनों प्रकरणों में कारण ऑक्सीजन ही रहा। शहर में वैसे अभी हर दिन 3500 िसलेण्डर मरीजों को लग रहे हैं। इसकी डिमाण्ड अब हर दिन बढ़ती जा रही है। जैसे ही 3 प्लांट से सप्लाई अस्पतालों तक बिगड़ती है तो भर्ती मरीजों की जान साँसत में फँसी रह जाती है। एक्सपर्ट का कहना है कि एकदम गंभीर मरीज जिसका लंग्स 80-90 फीसदी तक डैमेज हो या जो पूरी तरह से ऑक्सीजन पर निर्भर है यदि सप्लाई रुकी तो कुछ मिनटों में तड़पकर उसकी जान जा सकती है। मेडिकल में कोविड के गंभीर मरीजों का ट्रीटमेंट कर रहे डॉ. मयंक चंसौरिया कहते हैं कि किसी-किसी पीडि़त को एक मिनट में अधिकतम 15 लीटर प्रतिमिनट तक ऑक्सीजन खर्च हो रही है। मरीज 4 लीटर से 15 लीटर तक की सीमा में है। इस बार का वायरस जो अटैक कर रहा है उसमें विशेष बात यही है कि आने वाले सभी मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। मरीज तक किसी भी सूरत में इन हालातों में ऑक्सीजन तो जरूरी है। 
वातावरण में 21 प्रश. ऑक्सीजन
हमारे वातावरण में 21 प्रतिशत ऑक्सीजन होती है। स्वस्थ फेफड़ा इतनी ऑक्सीजन मिलने पर काम करता रहता है, लेकिन जैसे ही लंग्स यदि थोड़ा सा बीमार हुआ तो साँस लेने में दिक्क्त होने लगती है। वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन के अलावा इन हालातों में पीडि़त को ऊपर से ऑक्सीजन देनी पड़ती है। 
1000 सिलेण्डर क्षमता बढ़ेगी 
 बताया जा रहा है कि कुछ दिनों के अंदर शहर में 1 हजार सिलेण्डर की क्षमता बढऩे वाली है। इन हालातों में कम से कम 400 बेड और ऑक्सीजन वाले बेड बनाये जा सकते हैं। अभी जिनको ऑक्सीजन वाले बेड नहीं मिल रहे हैं उनकी कुछ डिमाण्ड पूरी हो सकती है। 
फिर पूरी ऑक्सीजन सप्लाई 
 अभी जो अस्पताल में कोविड पीडि़त भर्ती  हो रहे हैं उनमें ऑक्सीजन की कमी होने में एनआरएम मास्क लगाने के साथ पूरी ऑक्सीजन दी जाती है जिससे फेफड़े को अपनी ओर से कोई ताकत नहीं लगानी पड़ती है। इन हालातों में मरीज को सहजता से ऑक्सीजन की सप्लाई होती रहती है। यदि ऊपर से ऑक्सीजन नहीं दी जाए तो जान बच पाना संभव नहीं है। 

Created On :   24 April 2021 10:41 AM GMT

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