अब 7 सितंबर से शुरु होगा मानसून अधिवेशन, फिर टला सत्र 

Now the monsoon session will start from September 7, postponed session
अब 7 सितंबर से शुरु होगा मानसून अधिवेशन, फिर टला सत्र 
अब 7 सितंबर से शुरु होगा मानसून अधिवेशन, फिर टला सत्र 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना के प्रकोप के कारण 3 अगस्त से शुरू होने वाले महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून अधिवेशन को टाल दिया गया है। अब विधानमंडल के मानसून अधिवेशन की शुरुआत 7 सितंबर से होगी। कोरोना के कारण सरकार को विधानमंडल का मानसून सत्र लगातार दूसरी बार टालना पड़ा है। मंगलवार को विधानमंडल के दोनों सदनों की कामकाज सलाहकार समिति (बीएसी) की बैठक विधानभवन में हुई। इसमें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस आदि मौजूद थे। बैठक के बाद प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने कहा कि मानसून अधिवेशन की शुरुआत 7 सितंबर से होगी। इस अधिवेशन से सप्ताह भर पहले बीएसी की बैठक बुलाई जाएगी जिसमें यह फैसला लिया जाएगा अधिवेशन कितने दिनों का होगा। परब ने कहा कि कोरोना की मौजूदा स्थिति को देखते हुए विधानमंडल के दोनों सदनों के सभी सदस्यों, विधायकों के पीए और उनके ड्राइवर के लिए व्यवस्था करना कठिन है। इसलिए मानसून सत्र को टालने का फैसला लिया गया है। 

वहीं विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बैठक में सरकार की तरफ से सदन में 40-42 विधायकों की सीमित उपस्थिति में अधिवेशन आयोजित करने का प्रस्ताव था। इस पर विपक्ष ने कहा कि संविधान के अनुसार ऐसा करना उचित नहीं होगा। क्योंकि अधिवेशन में शामिल होने का संवैधानिक अधिकार हर विधायक को है। हम किसी भी विधायक का अधिकार छीन नहीं सकते। हम किसी विधायक को यह नहीं कह सकते हैं कि आप आइए और दूसरे किसी विधायक को आने से मना कर दें।

इससे पहले कोरोना के पैर पसारने के चलते मार्च महीने में विधानमंडल के बजट अधिवेशन का तय समय से पहले सत्रावसान हुआ था। उस समय विधानमंडल का मानसून अधिवेशन 22 जून को बुलाने की घोषणा की गई थी। लेकिन कोरोना संकट के चलते मानसून अधिवेशन को 3 अगस्त तक के लिए टाल दिया गया था पर कोरोना संकट कायम होने के चलते मानसून अधिवेशन को दोबारा टालना पड़ा है। 

मराठा आरक्षण के लिए हो दो दिन का विशेष अधिवेशन

भाजपा समर्थित विधान परिषद सदस्य विनायक मेटे ने कहा है कि सरकार के कारण मराठा आरक्षण खतरे में आ गया है। इसलिए मैंने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर दो दिवसीय विशेष अधिवेशन बुलाने की मांग की है। इस पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और विधान परिषद के सभापति रामराजे नाईक-निंबालकर ने कहा कि दो दिन का अधिवेशन बुलाना संभव नहीं है। इसलिए मैं बैठक का बहिष्कार कर बाहर आ गया। मेटे ने कहा कि सरकार बताए कि मराठा आरक्षण टिकाए रखने के लिए क्या करने वाली है? 
 

Created On :   28 July 2020 8:09 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story