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अब खाली नहीं रहेगा धान का कटोरा, लहलहाएंगे भुट्टे के खेत
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. गांदिया की अर्जुनी माेरगांव तहसील में धान की फसल अधिक पैमाने पर ली जाती है। इस कारण इस तहसील को धान खेती की तहसील भी कहा जाता है। अब यहां के किसानों ने धान फसल के बाद भुट्टे की खेती करने का मन बना लिया है। बताया जाता है कि इस वर्ष रबी फसल के दौरान बोंडगांवदेवी क्षेत्र में सैकड़ों हेक्टेयर पर भुट्टे की खेती का प्रयाेग शुरू कर दिया गया है। भुट्टे की खेती से किसानों को उम्मीद है कि वह जल्द लखपति बन जाएंगे। इसके लिए वह प्रयास भी करने में जुट गए हैं। बता दें कि अर्जुनी मोरगांव तहसील में सबसे अधिक सिंचाई की सुविधा है। तहसील में इटियाडोह, नवेगांवबांध, सिवनी बांध सहित सैकड़ों छोटे तालाबो की संख्या है। इस कारण इस तहसील में वर्ष भर पानी की किल्लत महसूस नहीं होती। पारंपरिक धान की खेती के अलावा यहां के किसानों ने आधुनिक पद्धति का उपयोग कर गन्ना, तरबूज, मिर्ची, पपीता, एप्पल बेर, केला सहित मौसमी सब्जियों का उत्पादन लेना शुरू किया है। अब भुट्टे की खेती में किसान अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। अर्जुनी मोरगांव तहसील के बोंडगांव क्षेत्र में 500 एकड़ से भी अधिक खेती में भुट्टे की फसल लेने का प्रयाेग शुरू कर दिया है। किसानों ने उम्मीद जताई की भुट्टे की खेती किसानों को लखपति बनाएगी।
क्षेत्र में खरीदी केंद्र शुरू करना चाहिए
राधेश्याम झोड़े, पूर्व सरपंच व प्रगतिशील किसान, बोंडगांवदेवी के मुताबिक अर्जुनी मोरगांव तहसील में लगभग 500 हेक्टेयर पर भुट्टे की फसल लगाई जा रही है। भुट्टे को समर्थन मूल्य की दर से खरीदना आवश्यक है। फसल के उत्पादन को देखते हुए शासन को इस क्षेत्र में खरीदी केंद्र शुरू करने चाहिए। यह मांग यहां के किसान कर रहे हैं।
Created On :   5 Dec 2022 7:11 PM IST