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फूड लाइसेंस के बगैर शराब की बिक्री नहीं, 7 दिनों की टाइम लिमिट

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। बारों के साथ-साथ अब देशी और विदेशी शराब दुकानों को भी फूड लाइसेंस लेना होगा। खाद्य एवं औषधि विभाग ने शराब दुकान संचालक को सात दिनों का समय दिया है। इस टाइम लिमिट के भीतर फ़ूड सेफ्टी एण्ड स्टेण्डर्डाईज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) का लाइसेंस लेना होगा। इसके बाद से बगैर लाइसेंस के शराब की बिकवाली करने वालों पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लाइसेंस लेने के लिए खाद्य एवं औषधि विभाग ने शराब दुकान संचालक को सात दिनों का समय दिया है। निर्धारित समयावधि में लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं देने वालों के खिलाफ खाद्य अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
बताया जा रहा है कि खाद्य विभाग ने इस संबंध में जिले के आबकारी विभाग को उनके स्तर पर कार्रवाई करने के लिए कहा है। इससे पूर्व इसी वर्ष मार्च में खाद्य सुरक्षा आयुक्त ने आबकारी आयुक्त को पत्र लिखकर इस संबंध में उचित कार्रवाई करने को कहा था। इसके बाद से ही रीटेल शराब दुकान संचालकों को लाइसेंस लेने के लिए निर्देश जारी कर दिए गए थे। लेकिन, लगभग साढ़े तीन महीने का समय बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी तो, अंतत: खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा समय सीमा निर्धारित करते हुए शराब दुकान संचालकों को लाइसेंस लेने के निर्देश जारी किए जा रहे हैं। बताया जाता है कि निर्धारित समय सीमा के बाद खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारी अभियान चलाकर दुकानों का निरीक्षण करेंगे और लाइसेंस न मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहते हैं नए नियम
खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग से लाइसेंस लेना आवश्यक है। इसी के तहत अल्कोहली पेय को भी खाद्य की परिभाषा में सम्मिलित किया गया है। जिसके चलते जिले की समस्त देशी व विदेशी मदिरा की रीटेल दुकानें, भण्डार गृह, निर्माताओं को अधिनियम के तहत पंजीयन करना व लाइसेंस लेना अनिवार्य है। जानकार बताते हैं कि लाइसेंस नहीं मिलने की स्थिति में खाद्य विभाग द्वारा दर्ज किए गए प्रकरण में दोषी पाए जाने पर संबंधित को तीन महीने कारावास की सजा का प्रावधान है।
निर्देश जारी, कार्रवाई करेंगे
जिले की समस्त शराब दुकानों को FSSAI का लाइसेंस लेना अनिवार्य है। इस संबंध में निर्देश जारी किए जा चुके हैं, जिसमें सात दिवस का समय दिया गया है। इसके बाद अभियान चलाकर लाइसेंस की जांच की जाएगी और दस्तावेज नहीं मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई होगी।
अमरीश दुबे, खाद्य एवं औषधि अधिकारी
Created On :   28 July 2018 1:26 PM IST