इलाज के नाम पर नर्स ने आग में सेंका, मासूम की हालत गंभीर

Nurse stole fire in the name of treatment, the condition of innocent is critical
 इलाज के नाम पर नर्स ने आग में सेंका, मासूम की हालत गंभीर
 इलाज के नाम पर नर्स ने आग में सेंका, मासूम की हालत गंभीर

खन्नौधी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़ी लापरवाही, बच्चे को जिला चिकित्सालय में कराया गया भर्ती
डिजिटल डेस्क शहडोल ।
जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं लगातार बदहाल होती जा रही हैं। जिला चिकित्सालय के बाद अब खन्नौधी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नवजात के इलाज में गंभीर लापरवाही बरती गई है। यहां पदस्थ नर्स ने इलाज के नाम पर बच्चे को आग में सेंक दिया। गंभीर हालत में उसे जिला चिकित्सालय के एसएनसीयू में भर्ती कराया गया है। 
     जानकारी के अनुसार पलसऊ निवासी पार्वती बैगा पति गंगा बैगा को खन्नौधी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 16 जनवरी को सुबह भर्ती कराया गया था। दोपहर करीब ढाई बजे उसने बच्चे को जन्म दिया। नवजात शिशु में कोई हलचल नहीं थी। वह रो नहीं रहा था। वहां ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने कहां यहां सेंकाई की व्यवस्था नहीं है। बच्चे को आग में ही सेकना पड़ेगा। इसके बाद कमरे के बाद कंडे की आग जलवाकर खुद ही बच्चे की सेंकाई कर दी। कुछ देर बाद ही बच्चे के मुंह, पीठ और हाथ में फफोले पड़ गए। फफोले फूटकर घाव में तब्दील हो गए। गंभीर हालत में बच्चे को शुक्रवार देर रात जिला चिकित्सालय के एसएनसीयू में भर्ती कराया गया है। बच्चे की हालत स्थिर बनी हुई है। गौरतलब है कि करीब पांच दिन पहले ही जिला चिकित्सालय में 24 घंटे के भीतर 6 बच्चों की मौत हो गई थी। 
देखने नहीं आए डॉक्टर
हैरानी की बात यह है कि खन्नौधी में डॉक्टर की पदस्थापना होने के बाद भी नर्स ने एक बार भी उनसे सलाह लेने की कोशिश नहीं की। खुद ही इलाज करती रहीं। परिजनों ने भी बताया कि वे जबतक खन्नौधी पीएचसी में भर्ती रहे, उनको डॉक्टर देखने नहीं आए। हर समय नर्स ही देखने आती थीं। खन्नौधी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉ. आरके शुक्ला की पदस्थापना है। जब इस संबंध में डॉ. शुक्ला से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वे एक गमी में रीवा आए हुए हैं। 16 जनवरी को वह रीवा के लिए निकल गए थे। उन्होंने इतना जरूर कहा कि घटना की सूचना उनको मिल गई है। 
जिला चिकित्सालय में चल रह बच्चे का इलाज
जिला चिकित्सालय में बच्चे की हालत पता लगाने के लिए सिविल सर्जन डॉ. विक्रम सिंह वारिया, सीएमएचओ डॉ. ओपी चौधरी, पूर्व सिविल सर्जन और चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. उमेश नामदेव भी बच्चे को देखने के लिए पहुंचे। डॉ. उमेश नामदेव ने बताया कि उन्होंने बच्चे को देखा है, उसकी हालत में पहले से सुधार है। डॉक्टरों की निगरानी में ही उसका इलाज चल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि बच्चे को स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. अवतार और सर्जिकल स्पेशलिस्ट डॉ. कुलदीप पटेल को भी दिखाया गया है। दोनों ही चिकित्सकों ने इसका कारण बर्न नहीं बल्कि संक्रमण को बताया है।
परिजनों का दर्द : दस्ताना लगाकर की सेंकाई, बाहर से मंगाई दवा 
बच्चे के माता पिता पार्वती और गंगा बैगा ने भास्कर को बताया कि बच्चे का 16 जनवरी को दोपहर 2.16 बजे बच्चे का जन्म हुआ था। डिलेवरी सरोज नाम की नर्स ने कराई थी, लेकिन दोपहर में उसकी ड्यूटी बदल गई। इसके बाद ममता गोस्वामी आ गई। दोपहर करीब ढाई बजे ममता गोस्वामी ने कहा कि बच्चा रो नहीं रहा है, इसको आग में सेंकना पड़ेगा। इसके बाद उसने परिजनों से ही आग जलवाई और खुद ही करीब दो मिनट तक बच्चे को सेंका। पार्वती के पिता और बच्चे के नाना राजू बैगा ने बताया कि नर्स जब बच्चे की सेंकाई कर रही थी, तब उसने हाथ में दस्ताना पहना हुआ था। दस्ताना ज्यादा गर्म होने के कारण ही बच्चा जल गया। बच्चे की मां ने बताया कि करीब एक घंटे बाद बच्चे के गाल, पीठ और बाएं हाथ में फफोले पड़ गए। माथा भी लाल हो गया। थोड़ी ही देर में फफोले फूट भी गए। जब उन्होंने नर्स को बुलाया तो उसने एक दवा लिखकर बोला बाहर से मंगवा लो। उस दवा को उसने जहां-जहां घाव था वहां लगाया। एक रात और एक दिन बच्चा खन्नौधी में ही रहा। 17 जनवरी को रात में हमारे कहने के बाद रेफर किया गया। 
इनका कहना है
बच्चे की हालत ठीक है। डॉक्टरों के निर्देशन में उसका इलाज चल रहा है। स्किन और सर्जिकल स्पेशलिस्ट को भी बच्चे को दिखाया गया है। 
डॉ. विक्रम सिंह वारिया, सिविल सर्जन
मैं स्वयं बच्चे को देखने गया था। उसकी हालत में सुधार हो रहा है। मामले की जांच करवाई जाएगी और जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी।
डॉ. ओपी चौधरी, सीएमएचओ
 

Created On :   19 Jan 2020 11:44 AM GMT

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