त्रिपुरी तिराहे में गमलों से लेकर सब्जी के ठेलों तक का कब्जा, थाने के सामने निकलना मुसीबतों से भरा

Occupation of pots from pots to vegetables in Tripuri Tirahe, coming to the police station is full of troubles
त्रिपुरी तिराहे में गमलों से लेकर सब्जी के ठेलों तक का कब्जा, थाने के सामने निकलना मुसीबतों से भरा
त्रिपुरी तिराहे में गमलों से लेकर सब्जी के ठेलों तक का कब्जा, थाने के सामने निकलना मुसीबतों से भरा

थोड़ा आगे कोरोना से मरने वालों का किया जाता है अंतिम संस्कार, लाते समय इसी तिराहे में आकर फँस जाती है एम्बुलेंस, मेडिकल के मरीज भी यहाँ तकलीफों के साथ आगे निकल पाते हैं 
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
शहर के पश्चिमी हिस्से का त्रिपुरी तिराहा पूरी तरह से अस्थाई अतिक्रमणों की गिरफ्त में है। इस उपयोगी तिराहे के अतिक्रमण और अराजकता के शिकार होने से सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों और उनके परिजनों को होती है। जो मरीज शहरी हिस्से से मेडिकल में आपात स्थिति में भर्ती होने जाते हैं उनकी एम्बुलेंस की गति इसी तिराहे में आकर थम जाती है। इसी तरह कोरोना संकट काल में चौहानी श्मशान में जो अंतिम संस्कार के लिए  शव लाये जाते हैं उनके वाहन भी इसी तिराहे में आकर फँसते हैं। ट्रैफिक जाम होने की वजह बिल्कुल साफ है। दो हिस्सों में यहाँ गमलों, मटकों और दीयों की दुकानों ने आधे रास्ते पर कब्जा जमा लिया है। किनारे से लेकर बीच के हिस्से तक इनका कब्जा हो गया है। इसी तरह एक हिस्से में सब्जी के ठेले लग जाते हैं। अब  आम आदमी के हिस्से में इस तिराहे में कुछ जगह ही निकलने के लिए बचती है। 
शहर का यह अलग तरह का तिराहा है जिसमें सामान्य पुलिस थाने के साथ ट्रैफिक पुलिस थाना भी है पर मजाल है जो कभी पुलिस कर्मी यहाँ पर यातायात को लेकर कभी सजग दिखें। जब भी दिखते हैं चालान काटते तो नजर आते हैं पर ऐसे अस्थाई कब्जों को अलग कराने या सड़क को थोड़ा सा चलने लायक बनाये रखने में मदद नहीं करते हैं। लोग कहते हैं कि यहाँ पर  पुलिस कर्मी सिर्फ बैरीकेड लगाकर अपने हित साधते िदखते हैं।  निकलने के दौरान हो रही परेशानी से इनका कोई सरोकार नहीं है। 
अफसोस:यह सपना पूरा नहीं हो सका  
पण्डा की मढिय़ा के हिस्से से त्रिपुरी तिराहे से थाने के आगे तक एक फ्लाई ओवर बनाने का प्लान बना। इस हिस्से में रहने वाले लोगों ने सोचा कि इससे कुछ समाधान तो हो सकता है, पर अफसोस यह प्लान एक सपना ही साबित हुआ। अभी हाल ही में यहाँ पर प्लास्टिक के बैरीकेड्स पुलिस ने रखवाये, इससे और ज्यादा समस्या बढ़ गई। ऑटो एक हिस्से में कब्जा कर लेते हैं। इसी तरह छोटे लोड होने वाले वाहन आकर खड़े हो जाते हैं। शाम के वक्त तो तिराहे पर चौड़ी सड़क में भी लोगों को निकलते वक्त चुनौतियों से जूझना पड़ता है। 
अराजकता: 20 फीट आगे तक दुकानें 
जो आदमी ईमानदारी से नियम का पालन करे। सभी तरह के ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करे और साथ ही नगर निगम का  टैक्स एकदम तय तारीख पर जमा करे बस उसको इस शहर में ऐसा लगता है चलने के लिए सलीके की सड़क नहीं मिल सकती है। जो सड़क पर बीच के हिस्से तक कब्जा करे और लाखों की आबादी के लिए बाधा बने उसके ऊपर कार्रवाई नहीं हो सकती है। इस तिराहे पर हालात ऐसे हैं कि मटकों और गमलों की दुकान वालों का सड़क की दोनों ओर करीब 20-20 फीट के हिस्से में कब्जा है। इन दुकानों पर फिर जो खड़े होकर सामग्री खरीदते हैं वे 10 फीट तक वाहन खड़े कर देते हैं। 
 

Created On :   21 Dec 2020 1:53 PM IST

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