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कर्ज पर दावे : बोझ घटाने में सफल रही सरकार, विपक्ष की नजरों में यूपी, गुजरात, मप्र से भी स्तिथी गंभीर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कर्मचारियों को सातवां वेतन आयोग और किसानों को कर्जमाफी देने के बावजूद राज्य सरकार अपने कर्ज का बोझ 28.2 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी करने में सफल रही है। अतिरिक्त बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने विधानसभा में यह बात कही। उन्होंने मंगलवार को कहा कि राज्य को ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने का सपना मुश्किल है लेकिन इसे हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र देश के विकास का इंजन है और अभी और मेहनत से काम करने की जरूरत है। जलयुक्त शिवार योजना की तारीफ करते हुए मुनगंटीवार ने कहा कि कम बारिश के बावजूद अनाज का उत्पादन 24 लाख मीट्रिक टन बढ़ा है। साल 2014 में 70.2 फीसदी बारिश हुई थी और 91 लाख मीट्रिक टन फसल का उत्पादन हुआ था। लेकिन जलयुक्त शिवार योजना के बाद साल 2019 में कम बारिश के बावजूद अनाज का उत्पादन 115.70 लाख मीट्रिक टन पहुंच गया। मुनगंटीवार ने कहा कि कृषि पर 2 करोड़ 60 लाख लोग निर्भर हैं इसलिए इस क्षेत्र के विकास पर खास जोर दिया जा रहा है।उन्होंने कहा कि फसल बीमा के मामलों में जल्द भुगतान भी सुनिश्चित करने की कोशिश हो रही है। मुनगंटीवार ने कहा कि साल 2009-2013 के बीच राज्य में 1.79 लाख करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ था जो साल 2014 से 2019 के बीच बढ़कर 3.51 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया। उन्होंने बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री शंकरराव चव्हाण का जन्मशताब्दी समारोह मनाने की मंजूरी दी गई है। साथ ही मुंबई युनिवर्सिटी के कलीना कैंपस में स्थित कला भवन को बालासाहेब ठाकरे का नाम दिया जाएगा। मुनगंटीवार ने बताया कि तालुका स्तर के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का बजट एक करोड़ से बढ़ाकर पांच करोड़ रुपए कर दिया गया है।
कर्ज के मामले में यूपी,गुजरात, मप्र व कर्नाटक से आगे है महाराष्ट्र
विधान परिषद में शेकाप के सदस्य जयंत पाटील ने प्रदेश सरकार पर बढ़ते कर्ज के बोझ को लेकर चिंता जताई है। पाटील ने कहा कि प्रदेश सरकार पर 4 लाख 14 हजार 417 करोड़ रुपए का कर्ज है। जबकि गुजरात सरकार पर 35 हजार 613 करोड़ रुपए, उत्तर प्रदेश सरकार पर 65 हजार 980 करोड रुपए, मध्य प्रदेश सरकार पर 35 हजार 365 करोड़ रुपए और कर्नाटक सरकार पर 27 हजार 694 करोड़ रुपए का कर्ज है। मंगलवार को विधान परिषद में प्रदेश सरकार के साल 2019-20 के अतिरिक्त बजट पर चर्चा हुई। पाटील ने कहा कि सरकार पर बढ़ता कर्ज चिंता की बात है। पाटील ने कहा कि कर्ज का बोझ क्यों बढ़ रहा है। बजट में इसकी जानकरी सरकार ने नहीं दी है। सातवां वेतन आयोग के कारण कर्ज का भार अभी और बढ़ेगा। सरकार 100 पैसे में से 72 पैसे वेतन, पेंशन और कर्ज के ब्याज देने पर खर्च करती है। कर्ज का ब्याज देने के लिए सरकार को दोबारा कर्ज लेना पड़ रहा है। इस पर सरकार को विचार करना चाहिए। इस बीच पाटील ने दूसरे दलों के नेताओं को पार्टी में शामिल करने को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। पाटील ने कहा कि भाजपा अनुशासनात्मक पार्टी है। इसलिए भाजपा को भाजपा रहने दीजिए भाजपा को कांग्रेस मत बनाइए।
विदर्भ को भूल गई भाजपाः मुंडे
सदन में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि सरकार का बजट अर्थहीन है। प्रदेश में 3 साल में 12 हजार किसानों ने आत्महत्या की है। यह बात सरकार ने निर्लज्जता से कबूल की है। मुंडे ने कहा कि हजारों किसानों की आत्महत्या के बावजूद विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस रथ यात्रा निकलाने वाले हैं। रथ पर तो राजा बैठते हैं। मुख्यमंत्री खुद को राजा समझते हैं क्या। मुंडे ने कहा कि भाजपा पांच साल पहले स्वतंत्र विदर्भ के नाम पर सत्ता में आई। लेकिन पार्टी अब विदर्भ को भूल गई है। विदर्भ में पांच सालों में 5 हजार से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है। विदर्भ में पहले 75 प्रतिशत से अधिक किसानों को फसल कर्ज वितरित होता था लेकिन अब किसानों को 40 प्रतिशत अधिक कर्ज नहीं मिल पाता है।
Created On :   26 Jun 2019 2:43 PM IST