मुंडे के तेवर पर मुनगंटीवार ने कहा- नाराज नेताओं को समझाएंगे

On Mundes attitude, Mungantiwar said - will Persuade angry leaders
मुंडे के तेवर पर मुनगंटीवार ने कहा- नाराज नेताओं को समझाएंगे
मुंडे के तेवर पर मुनगंटीवार ने कहा- नाराज नेताओं को समझाएंगे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भाजपा नेता एकनाथ खडसे व पंकजा मुंडे के असंतोष पर वरिष्ठ पार्टी नेता   व पूर्व वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा है कि नाराज नेताअों को समझाने का प्रयास किया जाएगा। गलतफहमियां दूर की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जिन नेताओं की नाराजगी सामने आ रही है उनके पार्टी में दिये योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

पार्टी में कुछ त्रुटि होगी तो उसे भी दूर किया जाएगा। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की जाएगी। शुक्रवार को विमानतल पर संवाद माध्यम के प्रतिनिधियों से चर्चा में मुनगंटीवार ने शिवसेना की भूमिका पर भी सवाल उठाए। प्रदेश भाजपा की कोर कमेटी में शामिल रहे खडसे व मुंडे ने खुले तौर पर नाराजगी जतायी है। यह भी कहा है कि भाजपा में ओबीसी नेताओं के साथ अन्याय होने लगा है। खडसे ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लेकर भी नाराजगी जतायी है। 

मुनगंटीवार ने कहा कि किसी विषय पर नाराजगी होना स्वाभाविक है। पराजय का विश्लेषण भी होता है। नेताओं की नाराजगी पर पार्टी गंभीर दखल लेगी। 2014 के चुनाव पहले भाजपा ने सत्ता में आने के लिए कोर कमेटी बनायी थी। उसमें देवेंद्र फड़णवीस के साथ एकनाथ खडसे, पंकजा मुंडे, विनोद तावडे भी शामिल रहे हैं। साढ़े तीन साल तक कोई नाराजगी नहीं दिखी। खडसे वरिष्ठ नेता हैं। उनके नेतृत्व में मेरे जैसे कार्यकर्ता विधानसभा में काम करते रहे हैं। उनके हृदय में किसी बात को लेकर दुख हुआ हो तो उसे दूर किया जाएगा। 

मुनगंटीवार ने कहा-मैं निजी तौर पर इन मामलों को लेकर गंभीर हूं। नाराज नेताओं से मिलकर नाराजगी दूर करने का प्रयास करुंगा। इस बारे में प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील से चर्चा भी की है। फडणवीस को लेकर नाराजगी पर मुनगंटीवार ने कहा कि नेतृत्वकर्ता को लेकर काफी उम्मीदें रहती है। पार्टी में नाराजगी के लिए अकेले फडणवीस को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है

नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर शिवसेना की भूमिका को मुनगंटीवार ने समझ से परे ठहराया। उन्होंने कहा-विदेश के नागरिकों के भारत में बसने को लेकर बाल ठाकरे ने ही कहा था कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है। यहां हर किसी को बसने नहीं दिया जाना चाहिए। साथ ही पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों में पीड़ित अल्पसंख्यक परिवार के नागरिकों को भारत में स्थान देने को भी कहा था। शिवसेना ने लोकसभा में िवधेयक का समर्थन किया और राज्यसभा में वाकआऊट कर दिया।


 

Created On :   14 Dec 2019 3:29 PM IST

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