पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दोषी पति 18 साल बाद हुआ बरी

On wife Suicide Convicted husband relief from jail after 18 years
 पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दोषी पति 18 साल बाद हुआ बरी
 पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दोषी पति 18 साल बाद हुआ बरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में दोषी पाए गए पति को 18 साल बाद बरी कर दिया है। निचली अदालत ने मामले में आरोपी अनंत पानसरे को 7 फरवरी 2000 को पांच साल के कारावास की सजा सुनाई थी। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ पानसरे ने हाईकोर्ट में अपील की थी। पानसरे पर आरोप था कि उसकी दूसरी पत्नी ठीक ढंग से खाना नहीं पकाती थी। इसके अलावा पानसरे ने अपनी पत्नी से एक हजार रुपए मांगे थे जिसे न देने पर पानसरे ने पत्नी के साथ क्रूरतापूर्ण बरताव किया था और उसे प्रताड़ित किया था।  

अभियोजन पक्ष के मुताबित पति की बदसलूकी से तंग आकर पानसरे की पत्नी कविता ने आग लागकर आत्महत्या की थी। इसके बाद पुलिस ने पानसरे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए व 306 के तहत  मामला दर्ज किया था। अभियोजन पक्ष ने अपने आरोपों को लेकर पांच गवाहों के बयान पेश किए थे। जिसमें कविता की मां का बयान भी शामिल था। इसके अलावा अभियोजन पक्ष ने पोस्टमार्टम की रिपोर्ट भी सबूत के तौर पर पेश की थी। जिसके अधार पर पानसरे को पांच साल की सजा सुनाई गई थी। 

न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल ने पानसरे की अपील पर गौर करने के बाद पाया कि गवाहों ने अपने बयान में ऐसी किसी घटना का जिक्र नहीं किया है जो दर्शाए कि पानसरे अपनी पत्नी के साथ बदसलूकी करता था। जिसके चलते पत्नी ने आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठाया है। न्यायमूर्ति ने कहा कि पानसरे की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इसलिए पत्नी से उसने आर्थिक सहयोग करने का आग्रह किया था। जिसे अवैनध मांग नहीं कहा जा सकता है। अभियोजन पक्ष आरोपी पर लगे आरोपों को साबित नहीं कर पाया है इसलिए उसे बरी किया जाता है। 

Created On :   15 May 2018 6:00 PM IST

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