तीन साल बाद पकड़ा गया जालसाजी का एक आरोपी

One accused of forgery was caught after three years
तीन साल बाद पकड़ा गया जालसाजी का एक आरोपी
मुख्य आरोपी समेत तीन अब भी घूम रहे खुलेआम तीन साल बाद पकड़ा गया जालसाजी का एक आरोपी

डिजिटल डेस्क,सतना। जालसाजी कर सतना के व्यापारी की जमीन हड़पने के 4 आरोपियों में से एक को मैहर पुलिस ने तीन साल बाद गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। पुलिस ने बताया कि जनवरी 2018 में रामजी गुप्ता निवासी बिहारी चौक, थाना सिटी कोतवाली, ने नादन में स्थित अपनी जमीन बेचने के लिए आरोपी बृजेश बल्लभाचार्य पुत्र बालमुकुंद शास्त्री, से बात की थी। 48 लाख 12 हजार रुपए में सौदा तय होने पर जब फरवरी में कागजी कार्यवाई के लिए उप पंजीयन कार्यालय मैहर गया तो बृजेश ने अपने साथी लक्ष्मीकांत तिवारी पुत्र दिवाकर तिवारी 50 वर्ष और रमाकांत पुत्र रामखेलावन पांडेय निवासी मैहर, की मौजूदगी में सर्विस प्रोवाइडर उत्तम साकेत पुत्र मंगल साकेत से विक्रय पत्र बनवाया, जिसमें पूरी रकम दो चेक के जरिए भुगतान करने का उल्लेख किया गया, मगर जब उक्त पत्र को ऑनलाइन अपलोड किया गया, तब उसमें से चेक से भुगतान की बात हटाकर 5 फरवरी 2018 को 35 लाख नकद दिए जाने की बात लिख दी गई।

इस गोलमाल से अंजान रामजी ने उप पंजीयक के समक्ष जाकर हस्ताक्षर भी कर दिए, लेकिन जब उसने बृजेश से मांगा तो आरोपी ने इंकार कर दिया। संदेह होने पर पीडि़त ने विक्रय पत्र की सत्यापित पति निकलवाई, जिससे गड़बड़ी का खुलासा हो गया। लिहाजा जमीन मालिक ने मैहर थाने में शिकायत कर दी। 

डेढ़ साल बाद कायमी, मगर गिरफ्तारी में पुलिस की रुचि नहीं-

लगभग डेढ़ साल की भाग-दौड़ के बाद अंतत: अगस्त 2019 में आईपीसी की धारा 420, 467, 468 और 120बी का अपराध दर्ज किया गया, मगर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने में रुचि नहीं ली, जबकि चारो लोग मैहर कस्बे में ही खुलेआम घूमते रहे और पुलिस उन्हें फरार बताती रही। इस बीच आरोपी जमानत के लिए न्यायालय चले गए, पर हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली। पीडि़त ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का दरवाजा कई बार खटखटाया, तब जाकर 27 जून की शाम को एक आरोपी लक्ष्मीकांत तिवारी 50 वर्ष, निवासी मैहर, को गिरफ्तार कर मंगलवार सुबह न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। अभी भी मास्टर माइंड समेत तीन आरोपी मैहर में ही बेखौफ होकर घूम रहे हैं। गौरतलब है कि विक्रय पत्र ही नहीं रामजी गुप्ता को 35 और 13 लाख के दो चेक दिए गए थे, जिनमें जाली दस्तखत किए गए थे। 
 

Created On :   29 Jun 2022 2:47 PM IST

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