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एक देश एक राशन कार्ड को प्रदेश में अमल में लाने का रास्ता खुला
योजना को चुनौती देने वाली राशन दुकानदार कल्याण संघ की याचिका वापस होने के कारण हाईकोर्ट से खारिज
डिजिटल डेस्क जबलपुर। केन्द्र सरकार की एक देश एक राशन कार्ड योजना को प्रदेश में अमल में लाने का रास्ता साफ हो गया है। मंगलवार को जस्टिस सुजय पॉल की एकलपीठ ने योजना को चुनौती देने वाली याचिका वापस लेने के कारण खारिज कर दी है। हालांकि अदालत ने याचिकाकर्ता संघ को स्वतंत्रता दी है कि वो चाहे तो नई याचिका दायर कर सकेगा।
संघ के उपाध्यक्ष सोनू जायसवाल की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया था कि एक देश एक राशन कार्ड योजना को अमल में लाने हितग्राहियों के राशन कार्ड को आधार कार्ड से जोडऩे और उनका घर-घर सर्वे करने की जिम्मेदारी दुकानदारों पर सौंपी गई थीं। इन्हीं आदेशों को कटघरे में रखते हुए दायर इस याचिका में कहा गया था कि कोरोना संकट के दौरान ऐसा करना संभव नहीं है क्योंकि डोर टू डोर सर्वे के दौरान सर्वे करने वालों को कोरोना संक्रमण होने का खतरा रहेगा। इस याचिका पर 24 जुलाई को हुई प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सरकार के 15 जून और 3 जुलाई के आदेशों के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। मामले पर जारी नोटिस के जवाब के साथ राज्य सरकार ने याचिका को खारिज किए जाने की प्रार्थना अदालत से की थी।
मंगलवार को आगे हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्पेन्द्र यादव ने अदालत को बताया कि केन्द्र सरकार की यह योजना कोरोना संकट के दौरान दूसरे राज्यों से अपने घर लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए ही बनाई गई है, ताकि वे कहीं से भी राशन प्राप्त कर सकें। यह व्यवस्था तभी पूरी हो सकेगी, जब हितग्राहियों के राशन कार्ड को उनके आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा। यह व्यवस्था व्यापक जनहित को देखते हुए लागू की जा रही। डोर-टू-डोर सर्वे को लेकर सरकार का कहना था कि 3 जुलाई को इस बारे में जारी किया गया आदेश वापस ले लिया गया है। सरकार के जवाब के मद्देनजर याचिकाकर्ता की ओर से याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी गई, जो अदालत ने स्वीकार करके याचिका खारिज कर दी।
पेट्रोल पंप की एनओसी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
हटा में पेट्रोल पंप खोलने के संबंध में जारी एनओसी चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बैंच ने मंगलवार को खारिज कर दी। सुनवाई के दौरान बैंच ने अपनी राय देकर कहा कि एनओसी सही जारी हुई या गलत, यह देखना विभाग का काम है। इसमें जनहित का कोई ऐसा मुद्दा नहीं है, जिसे याचिका के माध्यम से चुनौती दी जाए। बैंच द्वारा अपनाए गए कड़े रुख के बाद दमोह के फुटेरा वार्ड में रहने वाले सुनील राय की ओर से याचिका वापस लेने के कारण खारिज कर दी गई।
Created On :   5 Aug 2020 2:00 PM IST